पंचायत के चुनाव में बसपा पांच लाख रुपये में खुले आम बेंच रही है अपने वोटरों को
जौनपुर। बसपा अपना बैनर देने के लिए अपने कार्यकर्ताओं से धनोपार्जन कर उनका शोषण करने को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है। जब किसी स्तर का चुनाव आता है बसपा से जुड़े मतदाताओं की कीमत वसूलने से बाज नहीं आ रही है। प्रदेश में आसन्न त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव में एक बार फिर बसपा द्वारा पार्टी से जुड़े मतदाताओं की कीमत वसूलने का मामला सामने आ गया है। बसपा का एक बड़ा पदाधिकारी द्वारा जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति से खुले आम पांच लाख रुपए की मांग करते हुए कहता है कि उपर से आदेश आया है। पार्टी का समर्थित बनाने के लिए पैसा देना ही होगा।
यहाँ बता दे कि शोसल मीडिया पर एक आडियो वायरल जो बसपा के कोआर्डिनेटर अमर जीत गौतम एवं वार्ड संख्या 18 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले डा इन्द्रसेन मौर्य का बताया जा रहा है। दोनों के बीच बात चीत में इतना तो स्पष्ट हो गया है बसपा के पदाधिकारी द्वारा खुल कर कहा गया कि प्रत्येक विधानसभा से 25 लाख रुपये उपर तक पहुँचाना है ऐसे में बसपा का समर्थित प्रत्याशी बनने के लिए पांच लाख रुपये लेना ही पड़ेगा ऐसा उपर से निर्देश है।
दूसरी ओर से डा इन्द्रसेन मौर्य खुद को 2007 से पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता बताते हुए पार्टी के लिए हमेशा पैसा देने की बात कहते पहले 50 हजार रुपये फिर ढाई लाख रुपये देने की बात कही जा रही है। लेकिन बसपा के पदाधिकारी बात मानने को तैयार नहीं है। यह भी कहते हैं कि जब आपने पांच लाख रूपये देने से मना कर दिया तो बाहरी व्यक्ति से बात कर लिया गया है दो लाख पेसगी ले ली गयी है। शेष तीन लाख रुपये मिलने पर उसे समर्थन दिया जायेगा। इसका मतलब साफ है कि यहां पर पार्टी के कार्यकर्ता की कोई अहमियत नहीं है जो पैसा देगा पार्टी का सिम्बल उसके हाथ बेच दिया जायेगा।
हलांकि डा इन्द्रसेन मौर्य विगत पंचायत चुनाव में वार्ड संख्या 19 से सदस्य चुने गये थे उस समय भी बसपा ने इनसे एक लाख रुपये समर्थन देने के नाम पर लिया था लेकिन बाद में समर्थन दूसरे को दिया था। इस तरह वायरल आडियो ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंचायत के इस चुनाव में बसपा समर्थन देने के पार्टी का बैनर बेंच रही है। इस सन्दर्भ में आडियो का सच जानने के लिए बसपा के कई जिम्मेदार पदाधिकारियों से बात किया गया तो उनके स्तर से इस मुद्दे पर बात करने से परहेज कर लिया गया है। एक पदाधिकारी ने दबी जुबान से कहा कि जो आदेश उपर से होता है उसका पालन करना मजबूरी है। हलांकि डा इन्द्रसेन मौर्य और बसपा नेता अमर जीत गौतम की वार्ता में भी पार्टी चलाने के लिए पैसा वसूली की बात सामने आयी है। जो भी हो लेकिन जारी आडियो ने एक बार फिर से बसपा को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। आखिर बसपा अपने वोटरों की कीमत कब तक वसूलेगी।
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