बाटला हाउस काण्ड के आतंकी आरिज खान को फांसी, इन्डियन मुजाहिद्दीन का है सदस्य


दिल्‍ली के बाटला हाउस मुठभेड़ काण्ड में दिल्‍ली की एक कोर्ट ने दोषी आतंकी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसको लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बाटला हाउस केस में आतंकियों के समर्थकों का पर्दाफाश हो गया है.
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, 'बाटला हाउस केस में न्यायालय के निर्णय ने आज आतंकवादियों के समर्थकों का पर्दाफाश कर दिया है. सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी एवं अन्य सभी जिन्होंने हमारे बहादुर पुलिस कर्मियों की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाया था, आतंकियों का साथ दिया था, आज उन्हें देश से माफी मांगनी होगी.'
जानकारी के मुताबिक, सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि दोषी खतरनाक हथियार रखे हुए था. उसने उसी से ड्यूटी निभाते हुए पुलिस वालों पर गोली चलाई थी, जिसकी वजह से इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की मौत हो गई थी. जिसके बाद दिल्‍ली की साकेत कोर्ट ने 2008 बाटला हाउस मुठभेड़ के सिलसिले में आरिज खान को पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी करार दिया.
सरकारी वकील के मुताबिक, मर्डर और पुलिस वाले का मर्डर में फर्क होता है. ये बात सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में मानी है. दोषी सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि जयपुर, अहमदाबाद और यूपी में धमाके करने में शामिल रहा है जिसमें काफी बेगुनाहों की जान गई थी. वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने फांसी की सजा न दी जाने की मांग की. उसका कहना था कि उस वक्त आरिज की उम्र 24 साल थी. ऐसे में उसकी उम्र को देखते हुए नरमी बरती जाए.
कई बम धमाकों का आरोपी है आरिज
बता दें कि 9 मार्च को कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को आईपीसी 186, 333, 353, 302, 307, 174a के तहत दोषी करार देते हुए कहा था कि इसकी सजा पर 15 मार्च को बहस होगी. आरिज को फरवरी 2018 में स्पेशल सेल ने नेपाल से गिरफ्तार किया था. आरिज पर भारत में कई जगहों पर बम धमाके के आरोप हैं, जिनमें 165 लोग मारे गए हैं. हालांकि आरोप है कि धमाकों के बाद आरिज नेपाल भाग गया था और फर्जी पासपोर्ट पर सलीम के नाम से छुपा हुआ था. दरअसल इस एनकाउंटर की कहानी 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से शुरू होती है।
2008 में हुआ था बाटला हाउस मुठभेड़ कांड
दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में 2008 में बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के निरीक्षक शर्मा की हत्या कर दी गई थी. इस मामले के संबंध में जुलाई 2013 में एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस फैसले के विरुद्ध अहमद की अपील उच्च न्यायालय में लंबित है.
आरिज खान घटनास्थल से भाग निकला था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. खान को 14 फरवरी 2018 को पकड़ा गया और तब से उस पर मुकदमा चल रहा है.

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