समाज में चर्चा: जौनपुर के पूर्व सांसद पहले हुए बेइज्जत, अब बाइज्ज़त रिहा
जौनपुर। जनपद के एक पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के पूर्व मंत्री पहले बेइज्जत हुए और अब एक साल आठ माह बाद बाइज्ज़त न्यायालय से रिहा किये गये तो एक बार फिर जिले में इस हिन्दू वादी नेता की चर्चाएं आम जन मानस के बीच में होने लगी है। जी हां हम बात कर रहे हैं पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जिन्हें बीते 26 मार्च 21 को एम पी एम एल ए कोर्ट लखनऊ की बेंच ने रिहा करने का आदेश जारी किया है।
यहाँ बता दे कि विगत वर्षों में 13 सितम्बर 2019 को प्रदेश के शाहजहांपुर स्वामी चिन्मयानंद के कालेज में एल एल एम करने वाली छात्रा ने एक वीडियो वायरल करते हुए आरोप लगाया कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसका गन्दा वीडियो बना कर उसे ब्लैक मेल करते हुए उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाया उसका शोषण किया।आरोप में छात्रा ने अपने यौन शोषण के साथ बलात्कार वाला दिल हिला देने वाला वीडियो वायरल किया था।
छात्रा ने यह भी आरोप जड़ा कि उसे सुबह छह बजे चिन्मायनंद की मालिश के लिए जाना होता था. इसके अलावा दोपहर ढाई बजे उसे चिन्मायानंद की 'सेवा' के लिए जाना पड़ता था, जहां उसके साथ हर रोज बलात्कार होता था. लड़की ने बताया कि ढाई बजे का वक्त आते ही उसकी रूह कांपने लगती थी. वह किसी न किसी बहाने से वहां जाने से बचती थी लेकिन चिन्मायानंद के लोग उसकी एक नहीं सुनते थे. कई बार तो मासिक धर्म या आंतरिक इन्फेकशन का बहाना बनाने पर भी उसे नहीं छोड़ा जाता था.
खबर है कि चिन्मयानंद ने पहले उसे बेटी कहा था। पीड़िता चिन्मायनंद के कॉलेज में ग्रेजुएशन में थी तब तक उसे किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। उसकी सारी दिक्कतें तब शुरू हुईं, जब उसने एलएलएम करने का मन बनाया. रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने पहली बार अपने कॉलेज प्रिंसिपल से कहा कि वह एलएलएम करना चाहती है. प्रिंसिपल ने उसे सलाह दी कि वह इस बारे में चिन्मायनंद से मिले. जब लड़की चिन्मयानंद से मिली तो उन्होंने उसे बेटी कहकर संबोधित किया और उसकी पढ़ाई लिखाई की तारीफ की. उन्होंने उसे स्कॉलरशिप देने की बात भी कही और उसका दाखिला एलएलएम में हो गया. इसके साथ ही उसे रहने के लिए हॉस्टल दे दिया गया।
छात्रा के अनुसार उसकी सारी मुसीबते हॉस्टल में आने के बाद ही शुरू हुई. एक दिन जब उसे चिन्मायानंद ने अपने पास बुलाया तो वह यह देखकर हैरान रह गई कि चिन्मायनंद के फोन में लड़की की नग्न तस्वीरें थीं। इंटरव्यू में लड़की ने बताया कि हॉस्टल के बाथरूम में किसी ने गुप्त कैमरा लगाया था, जिससे उसकी तस्वीरें खींचीं गई। लड़की ने इंटरव्यू में आरोप लगाया कि चिन्मायानंद ने उसे यह तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी दी. लड़की का आरोप है कि चिन्मयानंद ने उस पर दबाव बनाया कि वह आश्रम में उनकी 'सेवा' करे, उनकी मालिश करे और उन्हें खुश करे। मना करने पर लड़की पीटा, दी धमकी छात्रा ने इंटरव्यू में आरोप लगाया, ''मैं पसोपेश में पड़ गई लेकिन मैंने उनकी बात मानने से मना कर दिया. उसने मुझे थप्पड़ मारा और धक्का देकर जमीन पर पटक दिया. उसने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा. मेरे पास कोई रास्ता नहीं था।
छात्रा का आरोप था कि चिन्मयानंद ने उसे यह सब अब दूसरे लोगों के साथ भी करने का दबाव बनाने लगे। इससे लड़की और ज्यादा डर गई. उसने सोचा कि अगर गुप्त वीडियो बनाकर चिन्मयानंद उसका शोषण कर सकता है तो ऐसा ही वीडियो बनाकर वह उसका पर्दाफाश क्यों नहीं कर सकती।
फिर छात्रा ने यौनशोषण का वीडियो बनाने की सोची।और उसने ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए हिडिन कैमरा मंगाया. और इसी कैमरे से चिन्मयानंद के कुकर्म के वीडियो बनाए. लड़की ने इस बात से इनकार किया कि उसने किसी तरह से चिन्मयानंद को ब्लैकमेल किया या पैसे मांगे।छात्रा का मुकदमा दर्ज होने के बाद स्वामी चिन्मयानंद की ओर से छात्रा सहित पांच साथी संजय सिंह, डीपीएस राठौर,विक्रम सिंह, सचिन सिंह, अजीत सिंह के खिलाफ ब्लैक मेल करने और पांच करोड़ रुपये की मांग करने का आरोप लगाते हुए क्रास मुकदमा भी पंजीकृत कर लिया गया । घटना के बाद एस आई टी के सामने पूर्व मंत्री ने घटना के बाबत मालिस आदि स्वीकार किया लेकिन बलात्कार से इनकार कर दिया।
पुलिस अभियोग पत्र न्यायालय में भेजा लगभग एक साल आठ महीने तक मुकदमा एमपी एम एल ए कोर्ट में चला 26 मार्च 21 को न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद सहित छात्रा और उसके साथियों को आरोप मुक्त कर दिया है। जौनपुर का सांसद रहने के कारण जिले के प्रबुद्ध जनो के बीच एक बार फिर स्वामी चिन्मयानंद की कहानी चर्चा का बिषय बन गयी है।
सिस्टम में बैठे जब सब बलात्कारी ही हैं तो न्याय कैसे मिलेगा
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