शराब तश्करी बरामदगी के मामले में बरसठी पुलिस सवालों के कटघरे में,
जौनपुर। पुलिस विभाग के अधिकारी जिले से लेकर प्रदेश देश तक पुलिस को जन हित का सही कार्य करने का दावा करते हैं लेकिन क्या सचमुच थाने की पुलिस अधिकारियों के दावे के अनुसार काम करती है। अगर नहीं कहा जाये तो गलत नहीं होगा।इसका एक उदाहरण आज जनपद जौनपुर के थाना बरसठी की पुलिस ने पेश किया है कि अपनी पीठ थपथपाने के लिए एक मुहावरा "कहीं का ईंट,कहीं का रोड़ा, भानमती ने कुनबा जोड़ा" को चरितार्थ करते हुए खूब वाहवाही तो लूट लिया लेकिन अधिकारी अगर जांच करें तो पुलिस की कारस्तानी की पोल खुल सकती है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या पुलिस के अधिकारी जांच करेंगे ?
जी हां थाना बरसठी के थाना प्रभारी श्याम दास वर्मा ने आज एक विज्ञप्ति जारी करते हुए दावाकिया कि बरसठी की पुलिस ने एक बोलेरो वाहन से लगभग साढ़े तीन लाख रूपये कीमत की अवैध कच्ची शराब बरामद किया है और दो शराब तश्कर मय असलहा के साथ गिरफ्तार किये गये है।
इस गिरफ्तारीमे यह संभव है कि पकड़े गये लोग शराब तश्कर हो सकते है जैसा कि पुलिस उनके अपराधिक इतिहास को बता रही है। लेकिन जिस वाहन में लाद कर शराब की तश्करी करना दिखाया गया है। उसकी सच्चाई कुछ और ही है। पहली बात तो यह है कि बोलेरो में ड्रम लादना वह भी तीन सायद संभव नहीं होगा। अपने विज्ञप्ति में साफ कहा है कि 300 लीटर कच्ची शराब ड्रम में भर कर बोलेरो वाहन से तश्करी हेतु ले जा रहे थे। हलांकि पुलिस ने साध ही 12सौ सीसी,ढक्कन, युरिया नौशादर आदि शराब बनाने वाले सामान की बरामदगी बताया है।
इस पुलिसिया कार्यवाही का सच यह है कि थाना बरसठी क्षेत्र स्थित ग्राम मईडीह निवासी सुबाष चन्द तिवारी नामक व्यक्ति की बोलेरो गाड़ी यूपी 62बी क्यू 2734 को शराब बरामदगी से तीन दिन पहले थाना प्रभारी उनके घर से जबरिया ले गये और वाहन के सभी अभिलेख मांगे भी थे। दो दिन छोड़ने की कीमत वसूलने मे लगे रहे। इसके बाद 24 मार्च 21को थाना प्रभारी ने इस वाहन को शराब की तश्करी मे शामिल होना दिखाते हुए दर्ज मुकदमा 53/21 से समृद्ध कर दिया है। इसकी चर्चा पूरे बरसठी इलाके में आम जन की जबान पर है।
पुलिस ने इस तश्करी में मनीष सरोज थाना क्षेत्र मड़ियाहूं और संजय सिंह निवासी आसपुर देवसरा प्रतापगढ़ का होना बताया है। इसमें पुलिस बरसठी यह भी कहा है कि पकड़े गये तश्कर बहादुर सिंह उर्फ पिन्टू महमूदपुर बरसठी के लिये काम करते हैं। पुलिस के इस बरामदगी मामले में यदि वाहन के बाबत सही जांच हो जाये तो थाने की पूरी कारस्तानी का सच सामने आ सकता है।
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