आखिर किसके दबाव में पुलिस पत्रकार पुत्र के हमलावरों को गिरफ्तार नहीं कर रही है ?


जौनपुर। पत्रकार जो पूरे समाज की समस्याओं और जनता के लिये लड़ते हुए न्याय दिलाने का दावा तो करता है लेकिन जब पत्रकार अथवा परिवार पर कोई संकट आता है तो सरकारी अमला उसका साथ देने से परहेज क्यों करता है यह एक गम्भीर एवं विचारणीय बिषय है। जी हां     जनपद के थाना लाइन बाजर क्षेत्र स्थित गंगा पट्टी में जालान के पास पत्रकार पुत्र की पिटाई के बाबत मुकदमा पंजीकृत करने के पश्चात एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी आखिर पुलिस किसके दबाव में नाम जद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है जबकि इस घटना को लेकर जिले के पत्रकार गण पुलिसिया कार्यवाही से नाराज भी हो रहे हैं। 
बता दे कि गत 19 मार्च 21को लगभग 10 की संख्या में दबंग बदमाश राड सरिया असलहा लेकर दिन में अचानक गंगा पट्टी में जालान के पास पत्रकार राजकुमार के फर्नीचर की दुकान पर पहुँच कर पत्रकार के पुत्र प्रियंजुल सिंह को इतना मारते हैं कि वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाता है। घटना के बाद पत्रकार अपने घायल बेटे को लेकर थाना लाइन बाजर पहुंचता है तो पुलिस मुकदमा लिखने के बजाय कानून बताती नजर आयी। लेकिन जब मीडिया जनो का दबाव बना तो धारा 147,148, 307,395, 427, 452 , एवं 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन घटना के एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद लाइन बाजर की पुलिस ने अभी तक नाम जद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं किया अज्ञात की बात तो दूर की कौड़ी है। 
इस घटना के बाबत पुलिसिया कार्यवाही को लेकर जिले के पत्रकार गण जिलाधिकारी सहित पुलिस अधीक्षक एवं प्रदेश स्तरीय अधिकारियों को पत्रक देते हुए चेतावनी भी दे चुके हैं कि कार्यवाही न होने की दशा में पत्रकार सड़क पर उतरने को मजबूर हो सकते है। अब यहाँ पर सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर पुलिस किसके दबाव में नाम जद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। कौन हैं जो अपराधियों का संरक्षण दाता बना बैठा है। जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि अगर लीपा पोती हुईं तो यह मामला प्रदेश सरकार तक जा सकता है। जब पत्रकार न्याय नहीं पा रहे हैं तो आम जनता के साथ पुलिस कितना न्याय करती होगी सहज अनुमान लगाया जा सकता। 

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