भाजपा विधायक पिटे किसानों के हाथ, जाने पूरा घटना क्रम क्या है

 


कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब जन प्रतिनिधियों को सबक सिखाने पर उतर आए हैं। किसानों ने पंजाब में मुक्तसर जिले के मलोट में भाजपा विधायक अरुण नारंग को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस घटना में उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए और उन्हें काफी चोटें भी आई हैं। अरुण नारंग अबोहर से भाजपा के विधायक हैं।

नारंग कृषि कानून के समर्थन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने मलोट आए थे। किसानों को उनके आने की खबर लगी तो वे मलोट में भाजपा कार्यालय के बाहर जमा हो गए। किसानों को जमा होते देखकर पुलिस विधायक को निकालकर ले जाने लगी, लेकिन किसान उनके पीछे लग गए। पुलिस विधायक को एक दुकान के अंदर ले गई।

किसानों ने यह देख लिया और वे उस दुकान के बाहर ही धरने पर बैठ गए। यह देखकर पुलिस ने दुकान अंदर से बंद कर ली। इस बीच किसानों ने विधायक की गाड़ी पर कालिख पोती और तोड़फोड़ भी की।

पुलिस से भिड़े और विधायक को खींचा

कुछ देर बाद पुलिस नारंग को दुकान से निकालकर ले जाने लगी। किसान भी उनके पीछे दौड़े। यह देखकर विधायक और नेता जान बचाने के लिए तेजी से भागने लगे। पुलिसकर्मियों ने जब उग्र किसानों को रोकने की कोशिश की तो दोनों तरफ से झड़प शुरू हो गई। इस बीच किसानों ने विधायक को पकड़ लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए पीटने लगे और कपड़े फाड़ दिए। उसके बाद किसी तरह से पुलिसकर्मियों ने विधायक को बचाया और अपने साथ ले गई। विधायक अरुण नारंग बीजेपी के जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। एक बार पार्षद भी रह चुके हैं और एक पार्षद चुनाव हार भी चुके हैं। साथ ही RSS के प्रमुख कार्यकर्ता भी हैं।पुलिसकर्मियों ने जब उग्र किसानों को रोकने की कोशिश की तो दोनों तरफ से झड़प शुरू हो गई।

CM कैप्टन अमरिंदर ने घटना पर चिंता जताई, कहा- होगी कार्रवाई

पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना पर चिंता जताते हुए कार्रवाई की बात कही है। कैप्टन ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने किसानों से यह अपील भी की कि वे ऐसे हिंसा वाले कार्यो में शामिल न हों। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की कि कानून व्यवस्था की स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए किसानों के मसलों का जल्द से जल्द हल करें। मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को उन अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो विधायक को बचाने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों से भी भिड़ गए थे।


भाजपा विधायक पर हमले की घटना को लेकर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की पंजाब भाजपा नेताओं द्वारा की गई मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि इस घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने के बजाय, भाजपा नेताओं को विवादास्पद कानून वापस लेने के लिए अपने केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच पैदा हुए गुस्से के बारे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाना चाहिए।



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