जौनपुर मुख्यालय पर स्थित जोगियापुर में चल रहे जूए के अड्डे का संरक्षण दाता कौन ?



जौनपुर। अपराध रोकने के लिए पुलिस के अधिकारी बड़े बड़े दावे करते हैं लेकिन जब खुद पुलिस ही अपराध की संरक्षण दाता बन जाये तो अधिकारियों के दावो की सच्चाई कितनी सार्थक हो सकती है सहज अनुमान लगाया जा सकता है। जी हां हम बात करते हैं जनपद जौनपुर मुख्यालय की सरजमीं पर पुलिस के संरक्षण में प्रतिदिन हो रहे लाखों रूपये के जूए की जिसे अधिकारी चाह कर भी बन्द नहीं करा पा रहे हैं। 
यहाँ बतादे कि शहर मुख्यालय स्थित मोहल्ला जोगियापुर में गोमती नदी के किनारे शहर की सरायपोख्ता पुलिस चौकी के प्रभारी एवं पुलिस जनों के संरक्षण में बड़े पैमाने पर जूआ खेलने का अपराधिक कारोबार चल रहा है। खबर यह है कि यहां पर प्रतिदिन 15 से 20 लाख रुपये तक का वारा न्यारा जूए के जरिए हो रहा है। 
खबर मिली है कि इस जूए के अड्डे के संचालक से चौकी प्रभारी को भी प्रति दिन मोटी आय हो रही है साथ ही जूआ खेलाने वाला भी माला माल हो रहा है। लेकिन जूए के खिलाड़ी तवाह एवं बर्बाद हो रहे हैं। यहाँ यह भी बता दे कि जूआ कानून की नजर में बड़ा अपराध है। इस अपराध को रोकने के लिए अधिकारी स्तर से दावे बहुत किये जाते हैं। लेकिन सब कुछ के बावजूद जोगियापुर में गोमती नदी के किनारे चलने वाले जूआ अड्डा पर आज तक पुलिस का छापा नहीं पड़ सका है। 
मजेदार बात यह है कि यह जूआ अड्डा रात में नहीं बल्कि दिन दहाड़े चलाया जा रहा है। इसके सुरक्षा का दायित्व खुद पुलिस ही निभा रही है। सूत्र की माने तो इस जूए के अड्डे की खबर पुलिस विभाग के अधिकारी को भी बताया जा चुका है फिर भी यह अड्डा बन्द नहीं हो सका है। जूए का यह अड्डा यह तो संदेश दे रहा है कि जब अपराध रोकने वाले अपराधियों को संरक्षण देने लगे तो अपराध रूकने के बजाय फलता फूलता नजर आयेगा। लोग आर्थिक रूप से बर्बाद होंगे और पुलिस अपनी जेब भरने में मस्त नजर आयेगी। 

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