प्रदेश की राजधानी में पुलिस पर हमला,बिकरू काण्ड जैसी घटना होते होते बची
राजधानी के माल क्षेत्र के उमरावल गांव में कानपुर के बिकरू कांड जैसी घटना होते-होते बच गई। एससी-एसटी एक्ट के आरोपित वारंटी दो भाइयों की गिरफ्तारी के लिए गई पुलिस टीम पर उसके घर वालों और मोहल्ले वालों ने हमला बोल दिया। जमकर पथराव किया और लाठी-डंडे चलाए। हमले के दौरान दो दारोगाओं को एक घंटे बंधक बनाए रखा। हमले में दो दारोगा समेत पांच पुलिस कर्मी चोटिल हो गए। सूचना पर भारी पुलिस बल पहुंचा और एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अन्य हमलावरों की तलाश में दबिश दे रही है।
जानकारी के मुताबिक उमरावल गांव निवासी रजनीश मौर्य उर्फ कृष्णा और उसके भाई अंकित के खिलाफ वर्ष 2014 में एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। दोनों आरोपित न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो रहे थे। न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इस पर दबिश के लिए माल थाने के दारोगा प्रेम चंद्र यादव, दारोगा नीरज, सिपाही उमेश, विवेक और अजय यादव आरोपित के घर दबिश देने गए थे। पुलिस टीम रजनीश मौर्य और उनके भाई की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने के लिए दाखिल हो रही थी। इस सूचना पर दोनों के परिवारीजनों ने पुलिस टीम को घेर लिया। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोग भी आ गए। सबने पुलिस टीम को लाठी-डंडे लेकर घेर लिया और हमला बोल दिया। हमले के दौरान कुछ पुलिस कर्मी भागे तो उन पर पथराव कर दिया। वहीं, हमलावरों ने दारोगा प्रेम चंद्र यादव और नीरज को बंधक बना लिया।
पुलिस कर्मियों ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही थानाप्रभारी माल राम सिंह, एसएसपी ग्रामीण समेत भारी पुलिस बल पहुंचा। पुलिस ने बंधक बनाए गए दारोगाओं को मुक्त कराया और इसके बाद तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। हमले में दोनों दारोगा समेत कई पुलिस कर्मी चोटिल हो गए। एएसपी ग्रामीण ह्रदयेश कुमार ने बताया कि मामले में तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की ओर से हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, फरार हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
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