संत रविदास जी समाज सुधारक के साथ महाकवि और दार्शनिक भी रहे - डा जेपी सिंह



जौनपुर। संत रविदास जी की जयंती पर जिला उपाध्यक्ष बसपा  डा जे पी सिंह असि प्रोफेसर, टीडीपीजी कॉलेज द्वारा हरिपुर तथा राजेपुर एवं अन्य कई गांवों में महाकवि सद्गुरु रविदास जी की जयंती का शुभारंभ किया गया ।  जयंती समारोह में तो बतौर मुख्य अतिथि डॉ सिंह ने   संत रविदास जी को समाज सुधारक, दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक ,महाकवि तथा महान उपदेशक बताया । 
उन्होंने कहा कि ऐसे महान संत का जन्म बनारस में 15 वीं शताब्दी में हुआ  जब समाज में तमाम तरह की विकृतियां व्याप्त थी। ऐसे विषम परिस्थिति में भी निडर होकर अंतरात्मा की पुकार व आत्म चिंतन के द्वारा समाज हित में उन्होंने संवेदना व मानवता का संदेश देने का प्रयास किया साथ ही व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वास व जातीय भेदभाव पर अपने कविताओं, दोहों  तथा  क्षेत्रीय भाषा में मुहावरों द्वारा गहरा प्रहार किया । परिणाम स्वरूप धीरे धीरे उनकी समाज में  स्वीकार्यता बढ़ती गई और सभी वर्ग व जाति में तथा राजा महाराजाओं तक उनके संदेश को अपनाने की मनोदशा बढ़ती गयी। डॉ सिंह ने उनके द्वारा सारगर्भित कहे गए वचनों "मन चंगा तो कठौती में गंगा", "प्रभु जी तुम चंदन ,हम पानी" तथा "सब जन में समान अन्न, तभी रहे सब प्रशन्न" ऐसे दृष्टांत को सुनाया । मंदिर के पुजारी छोटन दासजी, प्रोफेसर डॉ प्रदीप सिंह  मास्टर साहब  ,पवन गुप्ता  उर्फ पिंटू ,विकास पाल , मनोज यादव जीसंतोष गौतम आदि ने भी अपने विचार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष, अनुदेशक संघ रविंद्र यादव जी ने किया । इसी प्रकार राजेपुर गांव  में संत रविदास जयंती समारोह में डॉ जेपी सिंह व अन्य वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन विजय गौतम और आयोजक महेंद्र गौतम, देवेंद्र प्रधान योगेन्द्र भारती ,राजीव निषाद ,संदीप सिंह संतोष गौतम आदि लोग रहे।

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