योगी सरकार का ऐलान चीनी मिलों में युवाओं को संविदा पर मिलेगी नौकरी
सहकारी चीनी मिलों की स्थितियां ठीक नहीं है। उन्हें घाटे से उबार कर चमकदार बनाने के लिए युवा हाथों को भगीरथ बनाने की तैयारी है। इसके लिए ऐसे युवाओं पर योगी सरकार की नजर है जिन्हें बेशक कोई अनुभव नहीं है काबिलियत और हुनर है, तो ऐसे लोगों का सरकार हाथ थाम कर उन्हें संविदा तौर पर पहले पहल नौकरी देने जा रही है। अगर वे अपने क्षेत्र में खुद को साबित करते हैं तो फैक्ट्री प्रबंधन तक की सीट पर सुशोभित किए जाएंगे।
उप्र राज्य चीनी निगम ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने की सकारात्मक पहल की है। तकनीकी रूप से पारंगत युवाओं को अधिकारी व कर्मचारी स्तर तक संविदा पर तैनात किया जाएगा। ऐसा पहली मर्तबा है कि अभियंत्रण, लेखा, शर्करा तकनीक आदि से संबंधित पदों पर बिना किसी अनुभव के मैनेजमेंट प्रशिक्षु के लिए तैनाती दी जा रही हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुमोदन के बाद गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने पारदर्शिता के साथ इस प्रक्रिया कोशुरू कराने की हरी झंडी दे दी है। बीएससी व एमएससी (कृषि) वाले युवक युवतियों को कैंपस सलेक्शन से ही सौगात देने की तैयारी है।
पायलेट प्रोजेक्ट मेरठ, बस्ती और गोरखपुर से
यूपी में तीन चीनी मिलों मुंडरेवा (बस्ती), पिपराइच (गोरखपुर) और मोहिउददीनपुर(मेरठ) से सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की शुरूआत की जा रही है। मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना निगम लिमिटेड के मुताबिक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट यूपी शुगर कॉरपोरेशन डॉट कॉम पर ब्योरा दे दिया गया है। शुरूआती दौर में 51 पदों पर यह प्रक्रिया हो रही है। इसमें प्रधान प्रबंधक, मुख्य अभियंता, मुख्य रसायनज्ञ, मुख्य लेखाकार, मुख्य गन्ना प्रबंधक, उप मुख्य रसायनज्ञ, सहायक अभियंता, निर्माण रसायनज्ञ, गन्ना प्रबंधक, प्रशासनिक अधिकारी व क्वालिटी कंट्रोलर मैनेजर के पद पर तकनीकी दक्ष व उच्च व्यवसायिक दृष्टिकोण रखने वाले परिणामपरक कर्मियों को रखा जाएगा।
रुहेलखंड में हैं छह सहकारी चीनी मिलें
रुहेलखंड में छह सहकारी चीनी मिले हैं। इन पर सरकार का स्वामित्व है। यहां बिना अनुभव के रखे जाने वाले नौजवान युवक युवतियों को खुद को साबित करने का पूरा मौका होगा ताकि वे अपना जीवन संवार सकें। पीलीभीत में तीन सहकारी चीनी मिले हैं। इनमें एक पूरनपुर एक बीसलपुर में है। एक मझोला की चीनी मिल बंद पड़ी है। पूरनपुर और बीसलपुर चीनी मिले खुद को घाटे में बताती रहती है। जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि नौजवानों के आने से सहकारी चीनी मिलों को नया विजन मिलेगा और यह सरकार की शानदार पहल है। रुहेलखंड में भी सर्वे किया जा रहा है कि हम कहां बेहतर कर सकते हैं।
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