विद्यार्थी संस्कृति के अनुरूप करें व्यक्तित्व का निर्माण,कुपोषित बच्चे बाल विवाह की है देन - आनन्दी बेन पटेल


शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेः प्रो. पंजाब सिंह

पीयू की कुलपति ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की बतायी  उपलब्धियां 

पीयू के 24 वें दीक्षांत समारोह में 73 मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 24 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में 73 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसके साथ ही 67 शोधार्थियों को पीएच. डी. की उपाधि दी गई। कक्षा 6 से 8 के 51 बच्चों को स्कूल बैग भी उपहार में दिए गए।  
दीक्षांत समारोह के संबोधन में कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विद्यार्थी संस्कृति के अनुरूप अपने व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण करें यहीं वास्तविक शिक्षा है। नई शिक्षा नीति 2020 राष्ट्रीय चरित्र और व्यक्तित्व निर्माण के साथ देश को उन्नत राष्ट्र की श्रेणी में खड़ी करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी फूल की तरह गुणवान होने के साथ-साथ विनम्र बनें।    
बाल विवाह पर सख्ती दिखाते हुए उन्होंने कहा कि इसका विरोध घर के सदस्यों से ही शुरू हो, ऐसे समारोह में न शामिल हों न लोगों को शामिल होने दें। कुपोषित बच्चे बाल विवाह की देन हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षक टीबी मुक्त समाज के लिए आगे आएं। एक शिक्षक एक बच्चे को गोद ले, तभी टीबी का समूल नाश होगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के मदद पर भी जोर दिया।
महिलाओं के अत्याचार और हिंसा पर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए। कहा कि महिला मां है, बहन है, पत्नी है, भाभी है, वह ही वंश को आगे बढ़ाती है। उन्होंने समाज में परिवर्तन के लिए महिलाओं से अपनी सोच बदलने को भी कहा।
दीक्षांत उद्बोधन में मुख्य अतिथि रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के कुलाधिपति  विश्व प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो० पंजाब सिंह के कहा कि न्यू इंडिया के स्लोगन के साथ भारत एक बार पुनः अपनी खोई हुई ताकत को प्राप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि विश्व गुरु बनने के लिए भारत को नए सिरे से जी-तोड़ मेहनत करनी होगी। इसके के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग के क्षेत्र में क्रन्तिकारी सुधार लाने होंगे। भारत सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 देश के युवाओं में उड़ान भरने के लिए पंख लगाने और पुराने गौरव को पाने का एक प्रयास है।  
उन्होंने कहा कि भारत अपने भविष्य के सुनहरे दौर के करीब है जहां उसकी अर्थव्यस्था नई उंचाइयों को छू सकती है। देश के युवाओं में ऊर्जा है, उत्साह है, उमंग है, उत्सुकता है, असीम संभावनाओं से युक्त कल्पनाओं की उड़ान है। सपनों को देखने और उसे पूरा करने की हिम्मत है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का दर्पण है और हमारी भव्य विकसित सभ्यता का प्रमाण भी. शिक्षा के साथ- साथ स्वास्थ्य भी एक ऐसी मूलभूत आवश्यकता है जो देश के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण ढंग से पहुंचना जरूरी है। भारत सरकार के आयुष्मान भारत योजना की सराहना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि का 15 प्रतिशत योगदान है वही लगभग 50 प्रतिशत रोजगार के अवसर भी यह उपलब्ध कराता है. इसलिए कृषि और कृषक देश में महत्व है। इसे और मजबूत करने से ग्रामीण उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा।  
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने वसंत पंचमी की बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कोविड काल में भी विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा। विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, प्रशासकीय अनुसंधान, संगोष्ठी, मासिक परिचर्चा, निर्माण, पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्य एवं शासन की मंशानुसार निर्देशित अन्य कार्यों का आगे बढ़कर नेतृत्व किया है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल एक शैक्षणिक संस्थान है, बल्कि बौद्धिक एंव चारित्रिक चेतना के निर्माण का एक केन्द्र भी है। आधुनिक प्रयोशालाओं, कक्षाओं, योग्य शिक्षकों के मार्गदर्शन, उपयुक्त प्रशिक्षण एवं पाठ्येतर गतिविधियों में तल्लीनता ही बहुमुखी विकास के मार्ग को प्रशस्त कर सकती है। ज्ञानार्जन के विभिन्न तकनीकी साधनों के बावजूद परम्परागत कक्षाओं में विद्यार्थी एवं शिक्षक का शैक्षणिक संवाद उनके प्रभावशाली निर्माण का सर्वोच्च कारक सिद्ध होता है। कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को भी गिनाया।
दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई, जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद् एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। संचालन प्रो. अजय द्विवेदी ने और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया।
इस अवसर पर पूर्व कुलपति गण  प्रो. सुरेंद्र सिंह कुशवाहा, प्रो.पी सी पातंजलि, एम एल सी  बृजेश सिंह प्रिंसु, डॉ. लीना तिवारी, पीयू  विश्वविद्यालय के प्रो.बी.बी. तिवारी, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. रामनारायण, डॉ. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. एके. श्रीवास्तव, प्रो. वंदना राय, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. राज कुमार, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. प्रमोद यादव, .अशोक सिंह, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. आलोक सिंह, डॉ. राकेश यादव, डॉ. जगदेव, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. के. एस. तोमर, मंगला प्रसाद यादव, डॉ. अवध बिहारी सिंह कर्मचारी संघ अध्यक्ष रामजी सिंह सहित विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।    
  
गतिमान के आठवें अंक का हुआ लोकार्पण

विश्वविद्यालय के 24 वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका का विमोचन राज्यपाल  श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने  किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की गतिविधियां, स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित किया गया है। पत्रिका के सम्पादन मण्डल में डॉ० मनोज मिश्र, डॉ० दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ० केएस तोमर एवं डॉ० सुनील कुमार  शामिल हैं।
 51 विद्यार्थियों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार
 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले 51 विद्यार्थियों को स्कूल बैग, फल, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया. इसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय करंजाकला वि0ख0 करंजाकला, पू0 मा0 वि0 मेंहदीगंज, मड़ियाहू, कम्पोजिट स्कूल नटौली ब्लाक शाहगंज, पू0 मा0 वि0मिरशादपुर, विकास खण्ड बदलापुर, अंग्रेजी माध्यम कम्पोजिट स्कूल बरनपुर, खुटहन की छात्र- छात्राएं शामिल हुई. इसमें विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा गोद ली गई जनता जनार्दन इंटर कॉलेज की छात्रा भी शामिल रहीं. राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. राकेश कुमार यादव ने इसका संयोजन किया.

महंत अवेद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय में स्थित महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन परिसर में महंत अवेद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य, कुलसचिव महेंद्र कुमार समेत समस्त सहायक कुलसचिव शामिल रहें।

73 मेधावियों को मिला गोल्ड मेडल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  24 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 73 मेधावियों  को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किया।

67 शोधार्थियों को मिली पीएच. डी. की उपाधि 

दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के 67  शोधार्थियों को  पीएच. डी. की उपाधि प्रदान की गई। इसमें कला संकाय के 39, विज्ञान संकाय के 15, शिक्षा संकाय के 10, कृषि संकाय के 01, विधि संकाय के 02 शोधार्थियों को उपाधि मिली।

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