दो सप्ताह के अन्दर चार जघन्य हत्याओं की घटना से कांप उठा जौनपुर आखिर एक जाति विशेष की हत्या का रहस्य क्या है ?
जौनपुर। जनपद में 15 दिनों के अन्दर चार हत्याओं की घटना ने कानून व्यवस्था सहित जिले की पुलिसिंग पर एक बड़ा अनुत्तरित सवाल खड़ा कर दिया है। इन हत्याओं की घटनाओं में बदमाशों से लगायत पुलिस को शामिल रहना भी गम्भीर विचारणीय बिषय है। सभी घटनाओ को एक जाति विशेष के लोगों की हत्या होना जनपद में चर्चा का बिषय बना है।
यहाँ बतादे कि पहली घटना विगत एक फरवरी को थाना लाइन बाजर क्षेत्र स्थित सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर सपा नेता एवं सभासद नगर पालिका जौनपुर तथा भू माफिया बाला लखन्दर यादव की बदमाशों ने साढ़े आठ बजे रात्रि को गोलियों से भून कर हत्या कर दिया। हलांकि की मामले की विवेचना जीआरपी पुलिस ने करते हुए हत्यारों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। इस हत्या काण्ड के पीछे पुरानी रंजिस थी बदला लेने के लिए हत्या जैसी घटना को अंजाम देकर जिले की कानून व्यवस्था को सवालों कटघरे में खड़ा कर दिया।
दूसरी घटना 11/12 फरवरी के रात्रि की है। थाना बक्शा की पुलिस ने चक मिर्जापुर गांव के एक निरपराध युवक को अपराधी बता कर बेरहमी के साथ इतना मारा कि युवक कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की मौत पुलिस की हिरासत में हो गयी। कृष्णा यादव सपा का कार्यकर्ता था। पुलिस कहती है कि शिवगुलाम गंज में एक फरवरी को हुई लूट में कृष्णा यादव का हाथ रहा जबकि आज तक कृष्णा यादव के उपर शान्ति भंग तक का कोई मुकदमा किसी भी थाने में पंजीकृत नहीं है। पुलिस उसको लुटेरा बता दिया। खबर यह है कि कृष्णा यादव उर्फ पुजारी ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ने वाला था उसकी लोकप्रियता गांव में खासी अच्छी थी। पुलिस ने जान बूझ कर कृष्णा यादव को मौत के घाट उतारने में अपनी भूमिका निभाया था। इस घटना को लेकर जिले में बड़ा आन्दोलन हुआ सपा जनों से लेकर आम जनता सड़क पर आकर जबरदस्त बवाल किया था कानून व्यवस्था खराब होने की स्थिति में आ गयी थी। जनता के गुस्से के शिकार पुलिस जन भी हुए थे। इस घटना में जन मानस के दबाव में थाना एवं एसओजी प्रभारी सहित पुलिस जनों को निलंबित कर उनके विरुद्ध हत्या लूट का मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। बल्कि मजिस्ट्रियल जांच बैठा दिया गया है। इस घटना को लेकर सपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी संज्ञान ले लिया है।
तीसरी घटना बसंत पंचमी के दिन 16 फरवरी 21 को उस समय दिन दहाड़े हुईं जब प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल जौनपुर की सरजमीं पर मौजूद थी और पुलिस जिले की सुरक्षा को चाक चौबंद होने का दावा कर रही थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जहां पर राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल से मात्र ढाई तीन किमी की दूरी पर बदमाशों ने दिन दहाड़े लगभग 3बजे के आसपास मखमेलपुर के निवर्तमान प्रधान एवं सपा नेता राज कुमार यादव को गोलियों से भून कर हत्या कर दिये। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद बड़ी निडरता के साथ भाग भी गयें ।इस हत्या काण्ड में मृतक के परिजन की तहरीर पर दो नामजद सहित तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस घटना के बाद भी कानून व्यवस्था बिगड़ते बिगड़ते बची गुस्सायी जनता ने पुलिस पर हमला कर दिया वाहनों को क्षति ग्रस्त कर दिया। पुलिस ने बदमाशो को पकड़ने के लिए टीमें तो लगा रखी है लेकिन अभी पुलिस के हाथ खाली है। इस जघन्य हत्या काण्ड को 2019 के एक हत्या काण्ड से जोड़ कर देखा जा रहा है।
चौथी घटना थाना शाहगंज क्षेत्र की है खनुआई गांव का निवासी 22 वर्षीय विकास यादव 16 फरवरी की रात्रि में 8 बजे घर से दावत खाने के लिए निकला था।उसकी हत्या कर लाश हत्यारे फेंक दिए थे दूसरे दिन सुबह उसकी लाश मिलने पर सनसनी फैल गयी ।हलांकि इसमें भी नामजद मुकदमा लिखा गया है। पुलिस विवेचना शुरू कर दिया है। इस घटना से भी इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
इस तरह 15 दिनों के अन्दर चार हत्याओं की घटना ने जहां कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। वहीं चारों मृतक को यादव होने को लेकर जनपद में अलग तरह की चर्चाएं चल रही है। मजेदार बात यह है कि चारों मृतकों में तीन तो मल्हनी विधानसभा से नाता रखते हैं।
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