सिर्फ सपने देखने से नहीं, काम से मिलती हैं मंजिल: कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ विषय पर हुआ व्याख्यान
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा सोमवार को कुलपति सभागार में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य वक्ता राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने कहा कि नई शिक्षा नीति व्यक्ति से व्यक्ति का और भारतीयता का भारतीयता से परिचय कराती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सपने देखने से नहीं, काम करने से मिलती हैं मंजिल।
उन्होंने कहा कि हमें संघर्षशील, प्रयत्नशील व्यक्ति का निर्माण करने की प्रक्रिया बनाना होगा मशीन की नहीं आज मानव की जरूरत है। उन्होंने पाठ्यक्रम निर्माण के बारे पर भी चर्चा की कहा कि ऐसे पाठ्यक्रम बने जिससे विद्यार्थियों को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने द्वारा किए जा रहे नई खोजों को पेटेंट कराने का भी निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए आज हमारे ज्ञान को दूसरे लोग पेटेंट करा कर लाभ ले रहे हैं।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। व्यक्ति के कार्य से ही उसकी पहचान बनती है निरंतर विद्यार्थियों के हित में कार्य करते रहना चाहिए। इस अवसर पर उन्हें स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन संयोजक प्रो. मानस पांडेय ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आलोक सिंह ने किया।
इस अवसर पर प्रो.एके श्रीवास्तव, प्रो वंदना राय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो.बीडी शर्मा प्रो राम नारायण, प्रो देवराज, डॉ मनोज मिश्र, डॉ विजय सिंह, डॉ .राज कुमार,डॉ संदीप सिंह, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ राकेश यादव, डॉ नूपुर तिवारी, डॉ संतोष कुमार, डॉ मुराद अली, डॉ रजनीश भास्कर,डॉ प्रमोद यादव,डॉ आलोक सिंह, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ विजय तिवारी, डॉ संजीव गंगवार,डॉ के एस तोमर, डॉ रसिकेश, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ मंगला प्रसाद यादव,डॉ.धर्मेंद्र सिंह,करुणा निराला समेत अन्य शिक्षक एवं अधिकारी मौजूद रहे।
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