पंचायत चुनावः दस जनवरी को आरक्षण के नये फार्मूले पर लग सकती है मुहर




आरक्षण के चलते दावेदारों के अरमानो पर पानी फिरने की संभावना नये सिरे से होगा आरक्षण 

जौनपुर। पंचायत चुनाव की विधिवत घोषणा में अभी समय भले ही हो, लेकिन गांवों में प्रधानी व बीडीसी चुनाव का डंका लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है। गांव पूरी तरह चुनावी मोड में आ गए हैं। प्रधानी-बीडीसी लड़ने वाले दावेदारों की तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन आरक्षण उनके सपनों पर पानी फेरता दिख रहा है। नए सिरे से आरक्षण के चलते प्रधानी आदि के दावेदारों को झटका लगना तय माना जा रहा है।

पंचायत विभाग के सूत्रों के अनुसार 10 जनवरी की बैठक में आरक्षण के नए फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है, लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार इस बार ग्राम एवं क्षेत्र व जिला पंचायतों में नए सिरे से आरक्षण की प्रबल संभावना हैं। 2015 के पंचायत चुनाव में भी सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था। एक बार फिर से नए सिरे से आरक्षण ने सभी दावेदारों के गणित को बिगाड़ सकता हैं। इसी सब के चलते फिलहाल सबकी नजर, पंचायत चुनाव में लागू होने जा रहे आरक्षण पर लगी है। वहीं परिसीमन व वोटर लिस्ट का काम चल रहा है जिससे देहात का माहौल धीरे धीरे चुनावी होता जा रहा हैं।


यह हो सकता हैं फॉर्मूला :

जानकारों के अनुसार, हर ब्लॉक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े और सामान्य वर्ग की आबादी अंकित करते हुए ग्राम पंचायतों की सूची वर्णमाला के क्रम में बनाई जाएगी। इसमें एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक पर अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में घटते क्रम में होगी। यानी साफ है कि 2015 में जो पंचायत जिस वर्ग के लिए आरक्षित थी, उन्हें इस बार उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा। यानी अगर 2015 में पंचायत का प्रधान पद एससी-एसटी के लिए आरक्षित था तो इस बार उसे दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा।

यहाँ बता दे कि प्रदेश में प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया हैं और वर्तमान में सभी ग्राम पंचायतों में प्रशासक तैनात हैं। क्षेत्र पंचायत यानी बीडीसी का कार्यकाल 18 मॉर्च को खत्म हो रहा हैं। आरक्षण को लेकर अभी कोई जानकारी अधिकारी अभी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इतना संकेत है कि 10 से 15 जनवरी के बीच आरक्षण का नियम आने की संभावना हैं। उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।


Comments

Popular posts from this blog

घूसखोर लेखपाल दस हजार रुपए का घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, एन्टी करप्शन टीम की कार्रवाई

जानिए इंजीनियर अतुल सुभाष और पत्नी निकिता के बीच कब और कैसे शुरू हुआ विवाद, आत्महत्या तक हो गई

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार