हत्या के जुर्म में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा एवं आर्थिक जुर्माना





जौनपुर। दीवानी न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय ने हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास एवं 51 हजार रुपये के जुर्माना की सजा का निर्णय दिया है। घटना 16 दिसम्बर 15 की है। सबूत सहादत के पश्चात न्यायधीश ने सजा मुकर्रर किया है।  
यहां बतादे कि 7 दिसम्बर 15 को अभियुक्तगण द्वारा वादी के भाई द्रवेश दीक्षित को सूरत ( गुजरात )में बीसी के पैसे को लेकर विवाद हुआ था। इसी विवाद को लेकर दिनांक 16 दिसम्बर 2015 को अभियुक्तगण द्वारा वादी के भाई का अपहरण कर हत्या कर दी गई। इस जघन्य अपराध के संबंध में थाना रामपुर में 3 मुकदमें मु0अ0सं0 869/15 धारा 147, 148, 149 ,302,201,364,365 भा0द0वि0, एवं  मु0अ0सं0 896/15 धारा 3/25 आयुध अधिनियम व मु0अ0सं0 27/16 धारा 3/25 आयुध अधिनियम पंजीकृत किया गया था। पुलिस विवेचना के पश्चात आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। गवाहों का परीक्षण तत्परता से पूर्ण कराने के परिणाम स्वरुप पांच साल बाद   18.जनवरी 21 को अभियुक्तगण आलोक दीक्षित उर्फ राजू पुत्र अखिलेश चन्द, वीरेन्द्र दीक्षित पुत्र छोटेलाल,राहुल गौड़ पुत्र हरिहर गौड़ ,सुधाकर दीक्षित पुत्र बाबूलनाथ निवासी गण आशापुर थाना रामपुर जिला जौनपुर व दुर्गेश दुबे पुत्र सच्चिदानंद निवासी  उबारी थाना सुरियावाँ जनपद-भदोही प्रत्येक को विभिन्न धाराओं में सश्रम आजीवन कारावास व 15 वर्ष के कारावास एवं 47,000 रु के जुर्माने दण्डित किया गया। अभियुक्त वीरेंद्र दीक्षित को मुकदमा अपराध संख्या 896/15 धारा 3/25 आयुध अधिनियम के तहत 1 वर्ष के सश्रम कारावास व ₹2000 के जुर्माने से दंडित किया गया तथा अभियुक्त सुधाकर दीक्षित को मुकदमा अपराध संख्या 27/16 में 1 वर्ष के सश्रम कारावास तथा ₹2000 के जुर्माने से दंडित किया गया ।वसूली की जाने वाली जुर्माने को आधी धनराशि वादी को नियमानुसार प्रदान की जायेगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी एवं जेल में बिताई गई अवधि समायोजित की जायेगी। 

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