हज़रत फ़ातिमा ज़हरा की शहादत पर मजलिस में अकीदतमंदों ने पेश कियाआंसुओ का नज़राना
जौनपुर । इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद साहब की बेटी व कर्बला के प्यासे शहीद हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मां जनाबे फातिमा ज़हेरा सल्वातुल्लाह अलैहा की शहादत पर जामिया इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम सदर इमामबाड़ा बेगमगंज में मजलिसों का आयोजन हुआ। इसमें मुल्क के मशहूर उल्माए कराम और विश्व विख्यात सोज़खान ने शिरकत की। वहीं अली जवाद ने मसायाबी कसिदाखानी करते हुए “बकीं में कब्र है वीरान आपकी बीबी, हम इस वजह से परीशां हैं।फातिमा ज़हेरा” पढ़ा तो उपस्तिथ जनसैलाब अपने आंसुओं को रोक नहीं सका।
इस मौके पर मुस्लिम वर्ग के लोग पूरी तरह से गम में डूबे थे। सभी अधिकतर लोग काले लिबास पहने हुए थे तथा मदरसे में काले झंडे लगाकर लोग अपने गम का इज़हार कर हजरत मोहम्मद साहेब को नजराने अकीदत पेश कर रहे थे। साथ ही शहजादी फातिमा पर पड़ी मुसीबतों को याद कर लोग रोते बिलखते देखे गए। इससे महसूस हो रहा था कि, आज का दिन यौमे आशूरा जैसा है।
इस मौके पर आखरी मजलिस को खेताब करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि शहजादी फातिमा ने बच्चों की तरबियत का ऐसा नमूना पेश किया, जिसकी पूरी दुनिया में कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। उन्होंने कहाकि महिलाएं शहजादी फातिमा के बताये हुए रास्ते पर चलें ताकि उनको अपनी ज़िन्दगी का मूल मकसद मालूम हो, तभी वो गुमराही के रास्ते से बच सकती हैं।
इस मौके पर शिया जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना हसन मेहदी , मौलाना फजले मुमताज़ खान , मौलाना अहमद अब्बास, असगर हुसैन जैदी, कैंसर रज़ा , आरिफ हुसैनी, मीर बहादुर अली, मौलाना दिलशाद खान, मौलाना आसिफ अब्बास, मौलाना रज़ा अब्बास , हसन मेहदी , मौलाना बाकिर रज़ा खान , आक़िफ़ हुसैनी , राजू सोनकर , सूरज यादव आदी के साथ हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। अंत में मदरसे के संरक्षक शिया धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन जैदी ने आए हुए मोमनीन का आभार व्यक्त किया।
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