जेल से सजा काट कर वापस लौटी हत्यारिन महिला को परिजन साथ रखने से किया इनकार
जौनपुर। अपने ही पति की हत्यारिन महिला 16साल की सजा काट कर पहुंची अपने ससुराल तो उसके बच्चे और परिवार के लोगों ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। मामला इलाके में चर्चा का बिषय बना है। ससुराल वालों से दुत्कार मिलने के बाद वह महिला अपने माइके चली गयी।
बतादे कि सन् 2005 में जफराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम उतरगांवा निवासी ओमकार निषाद नामक व्यक्ति की हत्या बीबीपुर गांव में नदी के किनारे कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में मृतक की पत्नी सन्तारा देवी सहित उसके पुरूष साथी को आरोपी पाते हुए जेल भेज दिया था। मुकदमा चला और न्यायाधीश ने दोनों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दिया था। इसके बाद सजा काटने के दौरान छः साल तक सन्तारा जिला जेल जौनपुर में रही। उसके बाद उसे लखनऊ के आदर्श कारागार में भेज दिया गया। वहां पर दस साल तक सजा काटने के बाद इसी 26 जनवरी 21 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल की संस्तुति पर सन्तारा देवी को लगभग सोलह साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया। आज शुक्रवार को प्रातः सुबह लखनऊ पुलिस महिला सन्तारा को लेकर जफराबाद थाने पहुंची फिर यहां से जफराबाद पुलिस के साथ सन्तारा अपने ससुराल उत्तरगावां पहुंच गयी।
ससुराल में मौजूद सन्तारा की सास शांति देवीएवं ससुर सुखदास सहित पांच बेटियों ने उसे घर से यह कहते हुए बाहर कर दिया कि तुम ने हमारे बेटे की हत्यारिन हो हम तुम्हें अपने साथ नहीं रख सकते है। कुछ देर तक महिला सन्तारा द्वारा लोगो से मिन्नतें की गयी कि हमें यहीं रहने दिया जाये, लेकिन जब परिवार के लोग नही तैयार हुए तो वह गांव के ही कुछ लोगो के साथ अपने मायके प्रधानपुर थाना जलालपुर चली गई है। पिता के मौत के गम में जब बेटियों ने भी सन्तारा को घर से बाहर निकलने के लिए अपना फरमान सुनाया तो सन्तारा काफी अशांत हो गई और फिर अपने मायके जाने को मजबूर हो गई। यह घटना दिनभर पूरे क्षेत्र में चर्चा का बिषय बनी रही।
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