किसान आन्दोलन में सपा पूरी तरह से कूदी, नेतृत्व ने किसान उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष का किया एलान



समाजवादी पार्टी भी किसान आंदोलन में खुलकर कूद पड़ी है। अब पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों की समस्याओं और उत्पीडऩ का कच्चा -चिठ्ठा तैयार किया जाएगा। सपा ने अपने जिलाध्यक्षों के साथ ही नेताओं की एक टीम भी बना दी है जो किसानों के बीच जाकर काम करेगी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन का समर्थन करने के साथ ही किसानों की समस्याओं और उत्पीडऩ के मुद्दे पर संघर्ष का भी एलान कर दिया है। गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत से बात करने के साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में ‘समाजवादी किसान समिति‘ का गठन भी कर दिया है। यह समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश का दौरा भी करेगी और किसानों की समस्याओं और उत्पीडऩ से जुड़े मामलों का विवरण भी तैयार करेगी। समिति में पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के अध्यक्ष व प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि यह समिति किसानों के विरूद्ध सरकारी उत्पीड़न और अन्याय के मामलों की रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेगी। समाजवादी पार्टी किसानों के हक और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है
समाजवादी किसान समिति का गठन शुक्रवार को किया गया है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर मण्डलों के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष के अतिरिक्त वरिष्ठ नेता स्वामी ओमवेश, कमाल अख्तर, संजय गर्ग, संजय लाठर, चंदन चौहान, अतुल प्रधान, आशु मलिक, नाहिद हसन, प्रोफेसर सुधीर पंवार, कर्नल सुभाष देशवाल को सदस्य बनाया गया है। एक दिन बाद शनिवार को पार्टी ने इस समिति में नए सदस्य भी जोड़े हैं जिनमें मेरठ के विधायक रफीक अंसारी, छपरौली के मनोज चौधरी और बड़ौत के शोकिन्द्र तोमर का नाम शामिल है।

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