गोरखपुर की पहली महिला अपराधी की पुलिस ने खोली हिस्ट्रीशीट,महिला गयी जेल
जनपद गोरखपुर की पहली महिला हिस्ट्रीशीटर गीता तिवारी बन गई है। गीता के शातिराना कारनामों के बाद तिवारीपुर पुलिस ने अपने थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी है। गीता तिवारी अपने साथियों के साथ हत्या के प्रयास के आरोप में वर्तमान समय में जेल के अन्दर हैं। उसके साथी भी गोरखपुर जेल में हैं तो वहीं गीता को पिछले दिनों देवरिया जेल में शिफ्ट किया गया । अपनी नतिनी की जन्मदिन पार्टी में गीता ने बदमाशों का जुटान किया था। आधी रात को डांस के दौरान उसके साथियों ने फायरिंग की थी जिसमें दो युवकों को गोली लग गई थी उसके बाद ही पुलिस ने गीता और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था।
तिवारीपुर के सूर्यविहार कॉलोनी निवासी गैंगेस्टर गीता तिवारी और उसकी बेटी का आमने सामने घर है। गीता तिवारी के बेटी की बेटी (नतिनी) का जन्मदिन था। गीता ने जन्मदिन की पार्टी में कई बदमाशों को दावत दी थी। इस पार्टी में खास तौर पर जस्सू जायसवाल, सिरिन्स सोनकर, अश्वनी उर्फ रॉकी, छोटू कुरैशी के अलावा नितीश सिंह व मोहम्मद आमिर भी शामिल हुए थे। इस दौरान मोहम्मद आमिर व नितीश को गोली मार दी गई थी। गीता ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी और जस्सू के साथ मिलकर घायलों को पहले एक प्राइवेट अस्पताल ले गई। वहां भर्ती न करने पर ये लोग घायलों को मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां से गुलरिहा पुलिस को सूचना मिली की दो लोग गोली से घायल हो गए हैं। पुलिस के अनुसार दोनों को भर्ती कराकर आरोपित फरार हो गए। बाद में पुलिस ने नितीश के पिता की तहरीर पर केस दर्ज किया था। गीता तिवारी की हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद अब वह निगरानी के दायरे में आ जाएगी। तिवारीपुर पुलिस गीता तिवारी की हमेशा निगरानी करेगी।
गीता पर दर्ज है छह केस
गीता तिवारी पर कोतवाली, गोरखनाथ, तिवारीपुर थाने में 2019 से अबतक छह केस दर्ज हैं। वह गैगेस्टर के आरोप में जेल गई थी। जमानत हो गई थी। फिर उसके खिलाफ एनबीडब्लू जारी हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजवाया था। 20 अक्तूबर को वह जमानत पर बाहर आई थी। जमानत पर बाहर आने के बाद गीता की पुलिस निगरानी कर रही थी। उसे थाने बुलाया भी गया था। लेकिन उसने बारावाफात त्योहार का फायदा उठाकर जन्मदिन के बहाने अपराधियों की घर पर जुटान की थी, जिसकी पुलिस को भनक तक नहीं थी।
गीता के साथियों पर भी हैं कई केस
गीता के साथी जस्सू जायसवाल पर 2012 से अबतक शाहपुर, कैंट, अंबेडकरनगर के टांडा, तिवारीपुर थाने में हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगेस्टर, सेवन सीएलए के आरोप में 12 केस दर्ज हैं। जस्सू के ऊपर तीन बार गैंगेस्टर की कार्रवाई हुई। वहीं एक अन्य साथी सिरिंस के खिलाफ 2013 से अबतक लूट, हत्या, गैंगेस्टर के आरोप में कैंट व तिवारीपुर इलाके में छह केस दर्ज हैं। उसने एक बार बाल बिहार पर फायरिंग कर हत्या की थी। बलदेव प्लाजा में फायरिंग की लूट की घटना को अंजाम दिया था। वहीं छोटू कुरैशी पर कोतवाली व तिवारीपुर थाने में दो केस दर्ज है। इसी प्रकार अश्वनी उर्फ राकी पर गोरखनाथ व तिवारीपुर में हत्या समेत अन्य आरोप में तीन केस दर्ज हैं।
शिव कुमार से डीएम ने कराई थी गीता की शादी
गीता तिवारी की जंदगी काफी उलझी हुई है। वह संवासिनी गृह में रहती थी। शिवकुमार तिवारी नामक युवक से तत्कालीन डीएम ने उसकी शादी कराई थी। शिवकुमार भी रहस्यमयी था। वह कहां से आया था इसकी किसी को जानकारी नहीं है। राजाघाट इलाके में वह किराए का कमरा लेकर रहता और समाजसेवा करता था। समाज सेवा के जरिये ही वह तत्कालीन डीएम के सम्पर्क में आया था। उसकी शादी गीता से हो गई। शिवकुमार से शादी के बाद दोनों कोतवाली इलाके में किराये पर कमरा लेकर रहने लगे। गीता आर्केस्ट्रा का संचालन करने लगी थी। शिवकुमार समाज सेवा की आड़ स्मैक की तस्करी करने लगा। करीब दस साल पहले गीता के घर पर छापा पड़ा तो पांच अपराधी पकड़े गए। इस मामले में पहली बार गीता जेल गई थी। चार साल पहले जब शिव कुमार की मौत हो गई तब गीता ने उसका सारा धंधा संभाल लिया। उसके घर पर अपराधियों का आना-जाना शुरू हुआ तो पुलिस ने गैंगस्टर लगाकर जेल भेज दिया।
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