बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को महज 30 दिन में कोर्ट ने फांसी की सजा
तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म फिर हत्या केश में रिश्ते के चाचा को जनपद गाजियाबाद अदालत की पॉक्सो अदालत ने 20 दिन में सुनवाई करके बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या केश में चाचा को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा का निर्णय दिया है।
विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने सिर्फ 20 दिन की सुनवाई में अभियुक्त को दोषी पाया। कोर्ट ने आज दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक लाख रुपये का जुर्माना भी दिया है। केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत में 10 गवाह पेश किए। इस सनसनीखेज घटना में दोषी फैक्टरी कर्मचारी के ही खास दोस्त चंदन पांडेय ने अंजाम दिया था।
आईपीसी की धारा 376 और 302 के साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद आरोपी को दोषी पाया गया है। बता दें कि गाजियाबाद में 19 अक्टूबर 2020 को कविनगर थाने में पीड़ित पिता ने सूचना दी थी कि उसकी तीन साल की मासूम बेटी अचानक लापता हो गई थी। परिजनों के शक पर पुलिस ने पीड़ित के जिगरी दोस्त चंदन पांडेय को उसी रात हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन वह बच्ची के बारे में जानकारी न होने की बात कहते हुए गुमराह करता रहा।
दूसरे दिन दोपहर में कविनगर इंडस्ट्रियल एरिया में नाले के किनारे झाड़ियों में बच्ची का शव बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस की सख्ती पर चंदन ने जुर्म कबूल कर लिया था। परिजनों की तहरीर पर हत्या, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर चंदन को गिरफ्तार कर लिया गया था, तभी से वह डासना जेल में बंद है कोर्ट से सजा का ऐलान होने के बाद बच्ची की मां ने पुलिस का धन्यवाद दिया और कहा कि जब तक उस शख्स को फांसी पर चढ़ते नहीं देख लेंगे, तब तक मुझे तसल्ली नहीं होगी अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय दिया है। ये अपने आप में घृणित अपराध था, आज मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई है।
महज 30 दिन में ये निर्णय आया है इससे कोई भी अपराधी अपराध करने से पहले दस बार सोचेगा। माननीय न्यायलय ने मिसाल कायम की है। सीओ अवनीश कुमार ने कहा कि घटना की सूचना के कुछ ही घंटे बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने काफी त्वरित कार्रवाई की। प्रॉसिक्यूशन डिपार्टमेंट ने काफी मेहनत की। काफी जल्द हमने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। हमने 10 गवाह पेश किए थे। इससे कानून पर लोगों को विश्वास और मजबूत होगा।
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