शिक्षा विभाग फर्जीवाड़े का बनता जा रहा पर्याय, अब पूनम पांडेय की खुली पोल फर्जी प्रमाण पत्र से बनी टीचर
यूपी का शिक्षा विभाग अब फर्जी वाड़े का पर्याय बनता जा रहा है नित्य नए फर्जी वाड़े सामने आ रहे है लेकिन विभाग इसके प्रति गंभीर नहीं नजर आता है । यहाँ बतादे कि फर्जी वाड़े को लेकर कई महीनों तक खुर्खियाें में रही अनामिका शुक्ला के बाद अब नया फर्जी टीचर का एक केस मुरादाबाद में फिर सामने आया है। यहां अनामिका शुक्ला की जगह अब पूनम पांडेय हैं।जो फर्जीवाड़ा करके नौकरी ले लिया है। जांच के बाद कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की शिक्षिका पूनम पांडेय को भारी पड़ गया। बर्खास्त करने के बाद जिला समन्वयक ने शिक्षिका के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। अब शिक्षिका से रिकवरी की कार्रवाई भी की जा सकती है।
बालिका शिक्षा सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक रजत कुमार भट्नागर की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय डींगरपुर में कंप्यूटर विषय की पूर्णकालिक शिक्षिका के पद पर तैनात रही पूनम पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। पूनम ने 17 मई 2014 में फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नियुक्ति पा ली थी। जिला समन्यवक बालिका के अनुसार पूनम पांडेय के प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए श्रीधर यूनिवर्सिटी पिलानी, जिला झुन्झुनू राजस्थान भेजा गया। वहां ये फर्जी साबित हुए। बीएड के प्रमाण पत्रों को जांच के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा भेजा गया। वहां से भी प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की जानकारी मिली। इसके बाद करीब 15 दिन पहले बीएसए योगेंद्र सिंह ने शिक्षिका पूनम पांडेय की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए। अब शिक्षिका से रिकवरी की तैयारी चल रही थी। फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद ही सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराये जाने के पश्चात अब पुलिस भी मामले की जांच मे जुट गयी है।
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