सरकार किसानों को कार्पोरेट जगत का गुलाम बनाने का कर रही है काम- धर्मेन्द्र निषाद
जौनपुर। किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र निषाद ने आज किसान दिवस पर भाजपा सरकारों को अपने निशाने पर रखते हुए कहा कि भाजपा जो आजादी के समय से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रही आज संयोग से सत्ता पर काबिज होने पर देश के किसानों को पूंजी पतियों का गुलाम बनाने की दिशा में अग्रसर हो गयी है। श्री निषाद ने दावे के साथ कहा कि भाजपा की सरकारें किसान के जरिये देश को एक बार फिर गुलामी की जंजीरों में बांधने का षडयंत्र शुरू कर दिया है।
सरकार के ऐसे काले कानून के खिलाफ आज पूरे देश का किसान आन्दोलन की राह पर है लगभग एक माह से किसान इस कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़क पर बैठने को मजबूर हैं और सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। प्रधानमंत्री जी के इशारे पर किसानों को आतंकवादी, दलाल, खालिस्तानी ना जाने किन किन नामों से भाजपा के लोगों द्वारा नवाजा जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब किसान नहीं चाहता कि उसके लिए सरकार कोई बिल बनाये तो सरकार जबरिया कृषि बिल क्यों ला रही है क्या सरकार के पास इसका कोई जबाब है।
श्री निषाद ने कहा कि बिल के जरिये यह सरकार किसानों को अडानी अम्बानी का गुलाम बनाने की योजना पर काम कर रही है। सरकार द्वारा लाये गये कृषि बिल से देश का 70 से 80 प्रतिशत आवाम जो किसान है कार्पोरेट जगत के अधीन होने को मजबूर हो जायेगा। खेतों वहीं पैदा होगा जिसे अडानी अम्बानी चाहेगा। यह एक तरह की गुलामी ही तो है।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस नेतृत्व किसानों के साथ खड़ा हुआ तो भाजपा सरकार के लोग किसान आन्दोलन को दूसरा स्वरूप देने का षडयंत्र शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री जी के भाषणों से यह भी संकेत मिलता है कि सरकार किसानों को दबाने का हर तरह का प्रयास करेगी। सरकार का कृषि बिल हर नजरिए से किसानों के खिलाफ है विपक्ष किसानों की बात कर रहा है लेकिन सरकार विपक्ष की बातों को अनसुना करके तानाशाही दिखा रही है।
आज किसान दिवस के अवसर पर कांग्रेस जनों द्वारा सरकार के खिलाफ ताली थाली बजा कर नये कृषि बिल का विरोध किया गया है। पूरे प्रदेश के कांग्रेस जन किसानों की लड़ाई में उनके साथ आये हैं। कांग्रेस तब तक इस बिल का विरोध करेगी जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेगी। कांग्रेस अब देश की आवाम को दूसरी गुलामी में नहीं जाने देगी इसके लिये चाहे जितनी लड़ाई लड़नी पड़े कांग्रेस लड़ने को संकल्पित है।
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