सरकार कृषि बिल में संशोधन के लिए तैयार ,लेकिन वापसी नहीं, गति रोध जारी
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आन्दोलन आज 10वें दिन भी जारी है। दिल्ली बॉर्डर पर किसान जमे हुए हैं। हरियाणा, पंजाब, यूपी और बिहार से आये किसानों ने दिल्ली को चारों तरफ से घेर रखा है। रास्ते पर गाड़ियों की लम्बी कतारें लग गई हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी। वे यहां से घर लौटकर जाने वाले नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली जाने वाले रास्ते को बंद करने और भारत बंद का आह्वान करने की बात भी कही है।
किसानों के आन्दोलन की वजह से केंद्र सरकार भी चिंतित है। केंद्र सरकार के नेता बीच का रास्ता तलाशने में जुटे हैं। किसानों को आज बातचीत के लिए फिर से विज्ञान भवन में बुलाया गया।
बैठक में अभी तक जो बातें निकलकर सामने आई हैं। उसके मुताबिक सरकार इस बिल को वापस लेने के पक्ष में नहीं है। सरकार ने कृषि बिल में संशोधन के संकेत दिए हैं। जबकि किसान संगठनों ने बैठक में कहा कि हम सरकार से चर्चा नहीं, ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में। अब तक बहुत चर्चा हो चुकी है।
किसान नेताओं और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हिस्सा लिया। वहीं इस बैठक में किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
बैठक के दौरान सरकार और किसान नेताओं के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली। बैठक में सरकार ने कहा कि कानून रद्द करने के अलावा कोई और रास्ता निकाला जाए।
सरकार की तरफ से संशोधन की बात रखी गई। वहीं, दूसरी तरफ किसान नेता कृषि कानून रद्द कराने पर अभी भी अड़े हैं। सरकार ने संशोधन का प्रस्ताव दिया, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया।
अखिल भारतीय किसान सभा ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ देश भर में दर्ज मामलों को बिना शर्त वापस लिये जाने की भी मांग की।
किसान संगठन ने ट्वीट किया, ‘किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को डराने धमकाने के लिये दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल करने के लिये अखिल भारतीय किसान सभा मोदी सरकार की कड़ी निंदा करता है।
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