जब सामूहिक विवाह मंडप में मां बेटी ने एक साथ लिए सात फेरे, शादी बनी चर्चा का बिषय
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जनपद गोरखपुर के एक ही मंडप में मां और बेटी दोनों का विवाह खासा चर्चा का बिषय बना है। आपको बता दें कि यहां पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 63 शादियां हुई लेकिन मां बेटी की शादी ने लोगों में चर्चा का बिषय है। शादी का यह अनूठा मंडप दो पीढ़ियों के सात फेरों का गवाह बना। बता दें कि मां ने पहले अपनी बेटी का कन्यादान कर अपना फर्ज निभाया उसके बाद उसी मंडप में खुद शादी का जोड़ा पहन अपने लिए भी जीवन साथी चुन लिया है।
मामला जनपद के पिपरौली ब्लॉक का है मां और बेटी ने एक ही मंडप के नीचे अपने जीवनसाथी के साथ सात फेरे लिए। यह बात सुन लोग हैरान जरूर हो रहे होंगे। लेकिन यह सच है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पिपरौली ब्लॉक की बेला देवी अपने पांच बच्चों में से चार बच्चों की शादी कर चुकी हैं। आपको बता दें कि इसी योजना के तहत इन्होंने अपनी छोटी बेटी इंदु की भी शादी कर दी।
इस मंडप में खास बात यह रही की मां ने अपनी बेटी का कन्यादान करने के बाद उसी मंडप में 55 साल के जगदीश के साथ शादी कर ली।उम्र के इस आखिरी पड़ाव में बेला ने अपना जीवन साथी चुनकर अपनी नई जिंदगी की शुरूआत कर ली। आपको बता दें कि बेटे-बेटियों की शादी करने के बाद अकेले जिंदगी गुजारना बेहद मुश्किल हो जाता है।
खबर है कि यह शादी बेला देवी और उनके जीवनसाथी जगदीश ने बच्चों और परिवार वालों की सलाह से करने का फैसला लिया है।इस शादी के होने से हर तरह मां और बेटी की चर्चा चल रही है। पिपरौली ब्लॉक की कुरमौल निवासी बेला देवी के पति की मौत 25 साल पहले हो गयी थी। बेला के पांच बच्चे है। जिनकी शादी कर चुकी है। बेला 25 साल से अकेले जिंदगी गुजार रही थी। 55 वर्षीय जगदीश अविवाहित ही अपनी जिंदगी गुजार रहे थे अब दोनों ने एक दूसरे के हो गये है।
बहुत बढ़िया कदम उठाया जीवन जीने के लिए जीवन में एक सहारे की बहुत बड़ी जरूरत होती है जो इन्होंने करके दिखाया बच्चों की परवरिश भी की और अपने जीवन की शैली को बिछाने का कार्य किया
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