प्रधान विकास के 6 हजार करोड़ रुपये जाने क्यों नहीं खर्च किये
प्रदेश में आज से 57,978 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है. शुक्रवार की आधी रात से ग्राम प्रधानों के खाते पर रोक भी लगा दी गयी . प्रदेश भर के सभी ग्राम प्रधानों के खाता संचालन पर रोक लगने से उनके खातों में 6 हजार करोड़ रुपए पड़े रह गए हैं. इस बात की पुष्टि अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने की हैं. प्रधान इस राशि का प्रयोग गांव के विकास कार्य में नहीं कर पाए. ज्यादातर ग्राम पंचायतों के खाते में 30 फीसदी से ज्यादा राशि बची हुई है.
ग्राम प्रधानों की जगह पर अब गावों में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) को बतौर प्रशासक नियुक्त हो चुके है ।. इस संबंध में पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने एक दिन पूर्व ही प्रदेश के सभी जिलधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि शुक्रवार की आधी रात से ग्राम प्रधानों के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाया जाए. बता दें कि ग्राम पंचायतों को यह राशि राज्य वित्त आयोग, पंद्रहवें वित्त आयोग के बजट से जारी किया गया था. इसका उद्देश्य गांवों में विकास कार्यों करवाने का था.
मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी पंचायत चुनाव 2020 मार्च में आयोजित किए जा सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि फरवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में यूपी पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है.
इस बार प्रदेश में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. बता दें कि साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ आयोजित किया गया था जबकि, क्षेत्र पंचायत सदस्य- जिला पंचायत सदस्य के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए गए थे.
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