शिक्षा में वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का है, शिक्षक और छात्र दक्षता का करें विकास- प्रो निर्मला एस मौर्य
रीस्किलिंग योजना के तहत संगोष्ठी का हुआ आयोजन
जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश शासन की रीस्किलिंग ऑफ़ टीचिंग योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा की गुणवत्ता विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि अच्छे व्याख्यान एवं विडिओज बनाने वाले शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से प्रशंसा कर उत्साह्वर्धन करने की अवश्यकता है। उन्हौने कहा कि कोविड कन्फ़ाइनमेंट में विदेशी विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से अच्छी कमाई की है। इस पाठ्यक्रमों में अधिकतर भारतीय छात्रों ने सहभागिता की है इस ओर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है। महात्मा गांधी काशीविद्यापीठ, वाराणसी के कुलपति प्रो. टी.एन.सिंह ने कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए लोकल को वोकल बनाकर लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। भारतीय शिक्षकों में असीमित संभावनाएं हैं, आवश्यकता है कि उनके प्रयासों को सही दिशा देने की है, उन्हौने जोर देकर कहा कि ऑन्लाइन पाठ्यक्रमों को पढाने हेतु सही रूप से क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने कहा कि वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का है, न कि प्राप्तांको का। शिक्षकों एवं छात्रों को चाहिए कि वे अपनी दक्षता का विकास करें। उन्हौने बल देकर कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों की शैक्षिक आवश्यकता की कैसे पूर्ती की जाय इस पर सभी को विचार करना चाहिए। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन प्रो. मानस पांडेय ने, धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर एवं संचालन तिलकधारी महाविद्यालय के डॉ. आलोक सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह, प्रो. एस.पी.सिंह, डॉ. आमोद रघुवंशी, डॉ. रमेश मौर्य, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. राकेश यादव, डॉ जगदेव सहित शिक्षक एवं शोधछात्र उपस्थित थे।
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