पूर्वांचल का अपराधी, जाने कैसे बना गया लेखक और लिखने लगा किताब "गन से मन की ओर "
आपने दुनियां भर के कई गैंगस्टर के बारे में सुना होगा, जो कि दहशत और आतंक फैलाने को लेकर कुख्यात हैं या रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे कुख्यात अपराधी के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी दहशत फैलाने में विश्वास रखता था। जिससे हर कोई थर-थर कांपता था। लेकिन कहते हैं कि जब आपको रोशनी दिखाई दे जाए तो उसी पल से आपकी जिंदगी से अंधेरा बहुत दूर चला जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ पूर्वांचल के इस कुख्यात अपराधी चंदन सिंह के साथ।
कभी लोगों को अपनी खौफ की गिरफ्त में रखने वाला चंदन, आज जेल के अंदर बंद है और अपनी किताब लिख रहा है। इस किताब का नाम दिया गया है ‘गन से मन की ओर’।
हालांकि इस किताब को लिखने की प्रेरणा चंदन को गौतमबुद्ध नगर के जेल अधीक्षक ने दी थी। अब जल्द ही चंदन के नाम से भी डरने वाले लोग उसकी लिखी किताब को पढ़ सकेंगे। इस किताब में वो उसकी जिंदगी से जुड़ा हर एक पहलू होगा। जैसे कि उसका अपराध की दुनिया में कैसे आना हुआ। उसने अपराधी के तौर पर क्या पाया और क्या खोया? तो चलिए आपको बताते हैं चंदन के बारे में बता दें कि चंदन पर 60 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं और वो इस समय गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद है। आपको कानपुर वाला गैंगस्टर विकास दुबे तो याद होगा ही जो कि मुठभेड़ में मारा गया था। विकास और चंदन में यही समानता है कि चौबेपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे पर भी 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
चंदन साल 2017 में गुजरात से गिरफ्तार हुआ था। उसे यूपी एसटीएफ ने अरेस्ट किया था। इसके बाद इसे अलग-अलग जेलों से होकर नोएडा जेल लाया गया था। चंदन दो बार अलग-अलग जेल से भाग भी चुका है। पहली बार उसका नाम 2006 में एक हत्या के मामले में आया था।
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