सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल से जिले में अरबों रुपये का लेन देन प्रभावित
जौनपुर। केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ आज केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और बैंक कर्मियों से जुड़ी यूनियनों द्वारा हड़ताल के आह्वान पर यहाँ जनपद में सम्बंधित ट्रेड यूनिटों के कर्मचारियों ने हड़ताल करते हुए पूरे दिन काम काज बन्द रखा। हड़ताल का असर बैंकों, बीएसएनल, आयकर कार्यालय सहित केंद्र सरकार के अन्य कार्यालयों पर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ा है । सरकारी अर्ध सरकारी कर्मचारियों के अलावां कम्युनिस्ट संगठन भी इस हड़ताल में शामिल रहे है। हड़ताली कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की ।
भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय श्रमिक संघों ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया था। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संख्या (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ भी हड़ताल में शामिल रहे ।
हड़ताल के इस क्रम में पोस्ट आफिस के कर्मचारी अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के बैनर तले मुख्य डाक घर के बाहर जम कर प्रदर्शन किया और सरकार के उपर श्रम विरोधी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार श्रमिक विरोधी हो गयी है। डाक कर्मचारी संघ के नेताओं ने चेतावनी दिया कि अगर सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द नहीं मान लेती है तो अनिश्चित कालीन हड़ताल संभव है।
डाक कर्मचारी संघ के लोगों ने सरकार के पास कई मांगो को लेकर एक पत्रक भी भेजा है जिसमें पुरानी पेंशन बहाली, पैन्शन धारी कर्मचारियों के डीए बहाली, कमलेश चन्द्रा की सिफारिश लागू करने जैसी एक दर्जन मांग पत्रक में दिया है। यहां के हड़ताल का नेतृत्व सभाजीत पाल, राम उजागिर यादव, हरिशंकर यादव तथा राजेश सिंह ने किया। पूरे दिन काम काज ठप रहने के चलते विभाग में लगभग 50 करोड़ रुपए का लेन देन प्रभावित रहा है।
इसके अलावां यूबीआई के भी सभी कर्मचारियों ने बैंको मे ताला बन्दी कर सड़क पर आ गये थे बैंक हेड आफिस स्थित होटल रिवर व्यू पर धरना प्रदर्शन किया। खबर मिली है कि स्टेट बैंक, एवं पंजाब बैंक को छोड़ कर जनपद की सभी बैंको में हड़ताल के कारण ताला लटकता दिखा। बैंक के हड़ताल का व्यापक असर लेन देन पर पड़ा। अनुमान है कि इस हड़ताल से यहाँ जनपद में लगभग एक अरब रूपये का लेन देन अधर में लटका रहा है। इसका असर व्यवसाय पर नजर आया।
कम्युनिस्ट संगठन सीआईटीयू के आह्वान पर यहाँ पर लोगों ने केन्द्र सरकार के मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया । इस अवसर पर का.विजय प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार श्रमिकोंके अधिकारों को कमजोर करते हुए पूंजीपतियों/ कार्पोरेटों के रहमो करम पर मजदूरों को छोड़ दिया है।
दूर संचार विभाग के भी सभी कर्मचारियों ने अपने केन्द्रीयनेतृत्व के आह्वान पर ताला बन्दी कर मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध प्रदर्शित किया। दूर संचार युनियन के नेताओं ने भी सरकार को श्रमिक विरोधी करार दिया है। यहां बतादे कि प्रदेश सरकार द्वारा हड़ताल को रोकने के लिए राज्य कर्मचारियों को एस्मा लागू कर हड़ताल से अलग कर दिया लेकिन केन्द्रीय कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं था।
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