हक के लिये लड़ रहे हजारों किसानों के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आन्दोलन जारी है। कृषि विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली जाने की इजाजत भी मिल गई है। लेकिन हरियाणा सरकार ने हजारों किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। फिलहाल सिंधु बॉर्डर पर पंजाब के किसानों संगठनों की मीटिंग जारी है। हालांकि अब तक आंदोलित किसानों की आगे की रणनीति क्या होगा, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है। लेकिन ज्यादातर का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी, वो यहां से नहीं हटेंगे।
इस बीच हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली की ओर कूच करने वाले किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन किसानों पर कुरुक्षेत्र पेहवा के साथ-साथ शाहाबाद में भी केस दर्ज किया गया है। बता दें कि पंजाब के किसानों के खिलाफ यह मुकदमा ट्यूकर बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़ने पर दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा के तहत मामला दर्ज है।
इसके अलावा पुलिस से भिड़ने, बैरिकेड तोड़ने और हत्या की कोशिश करने के लिए 11 किसान नेता को नामजद किया गया है। पेहवा में छह किसान नेता नामजद हुए हैं। इन पर नेशनल हाइवे पर त्योडा के पास बैरिकेडिंग तोड़ने, अधिकारियों पर गाड़ी चढ़ाने और रास्ता रोकने का आरोप है। इन आरोपों में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस समेत पांच नेता नामजद हुए हैं।
वहीं पंजाब के बलबीर सिंह राजू समेत हजारों किसानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 114, 147, 148, 149, 158, 186, 283, 120 बी, 332, 375, 307, और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51B और PDP एक्ट की धारा तीन के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस बीच अभी भी किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। हजारों ट्रैक्टर अभी भी रोहतक होते हुए बहादुरगढ़ की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही भारी तादाद में किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। यहां पर पंजाब के किसानों संगठनों की मीटिंग जारी है।
Comments
Post a Comment