अब हिन्दू इन्टर कालेज प्रबन्ध समिति के विवाद में कूदा भारतीय किसान युनियन
जौनपुर।जनपद मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर स्थित मुंगराबादशाहपुर के हिन्दू इंटर कालेज प्रबंध समिति के विवाद को लेकर अब भारतीय किसान युनियन मैदान में आ गया है। आरोप है कि चुनाव अधिकारी मंजूलता वर्मा द्वारा फर्जीवाड़ा करके हिन्दू इन्टर कालेज के प्रबन्ध समिति का चुनाव सम्पन्न करा दिया है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय किसान यूनियन डीएम से मिला। उन्हें आठ सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और गैर शिक्षा विभाग से निष्पक्ष जांच कराकर संलिप्त दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की मांग किया है। मांग पत्र में चेतावनी दिया है कि कार्रवाई नही हुई तो 21 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर व्यापक पैमाने पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला अध्यक्ष राजनाथ यादव की अगुवाई में आर पार की लड़ाई लड़ने को संकल्पित किसान यूनियन के नेताओं ने अवैध सूची से कराएं गए चुनाव को रद्द करो और दोषी भ्रस्टाचारियों को जेल भेजो के जम कर नारे लगाए। मांग पत्र में चुनाव अधिकारी मंजूलता वर्मा ने बिना सोसायटी कार्यालय से साधारण सभा के सदस्यों की वैध सूची प्राप्त किए ही षड़यंत्रकारियों से सांठगांठ कर अमान्य सूची से चुनाव करा दिया है। जबकि सहायक निबंधक कार्यालय चिट्स फंड वाराणसी से जारी पत्र में पत्रांक 1151/ आई- 798 (सूचना) / 2020-21 के माध्यम से कहा है कि यहां से साधारण सभा के सदस्यों की विधि मान्य ,वैध एवं अनुमोदित सूची जारी नही किया गया है,तो चुनाव कराने क्या मकसद था इसे चुनाव अधिकारी मंजूलता वर्मा ही बता सकती है। उक्त चुनाव अधिकारी ने पूर्व में 14 मई 2017 में भी सोसायटी कार्यालय वाराणसी से बिना साधारण सभा के सदस्यों की वैध व अनुमोदित सूची प्राप्त किए ही चुनाव करा दिया था। जिसका उल्लेख अपने विवेचना रिपोर्ट 6 जुलाई 2019 को तत्कालीन डीआईओएस बृजेश मिश्रा ने करते हुए चुनाव अधिकारी मंजूलता वर्मा व पर्यवेक्षक को दोषी ठहराया था। जबकि संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी को यह बातें संज्ञान में होने के बाद भी मामले को गंभीरता से नही लिया और उक्त भ्रस्टाचारी को चुनाव अधिकारी बना दिया है। किसी अधिकारी के आदेश लिए बिना कोविड 19 के समय में ही चुनाव स्थल का परिवर्तन कर 27 सितम्बर 2020 को स्थानीय हिन्दू इंटर कालेज में कराने के बजाय चुनाव राजकीय बालिका इंटर कालेज जौनपुर में करा दिया है। चुनाव के संबंध में न तो पक्षकार बृजेश कुमार गुप्त को और न तो साधारण सभा के सदस्यों को कोई जानकारी दी गई। जिससे सदस्य गण अपने संवैधानिक मताधिकार से वंचित हो गए। शिकायत के संदर्भ में दिए गए जिलाधिकारी के जांच आदेश की अनदेखी कर प्रभारी डीआईओएस ने सुविधा शुल्क के दबाव में कोरम पूरा किया है,
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