आखिर गरीब का कसूर क्या था जो सीओ ने उसे पीटा और गलियों से नवाजा
प्रदेश सरकार की उदासीनता एवं पुलिस प्रशासन को दी गयी मनमानी छूटों के कारण पुलिस जनों के हौसले इतने बुलन्द है कि किसी भी व्यक्ति को कहीं भी बेइज्जत करना अथवा बल का प्रयोग करना उनका तो सगल बन गया है। ऐसे मामले लगभग प्रतिदिन प्रदेश में देखने को मिल रहे है जो खबरों की सुर्खियों में रहते हैं। जिससे सरकार बार-बार विपक्ष के निशाने पर आ रही और सरकार को जवाब नही बन रहा। अब मित्र पुलिस के कारनामों का ताजा मामला डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली का है।
यहां आईजी एसएन साबत जिले के दौरे पर आने वाले थे, ठीक पहले ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभाल रहे सीओ सिटी डॉ. अंजनी चतुर्वेदी ने वर्दी की खुलेआम धौंस दिखाई। उन्होंने रायबरेली-लखनऊ एनच-30 के रतापुर चौराहे पर गरीब ई-रिक्शा चालक को न सिर्फ बेरहमी के साथ जमकर पीटा बल्कि चौराहे पर ही जमकर मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां भी दी। गरीब ई रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए सीओ सिटी डॉ अंजनी चतुर्वेदी कैमरे में कैद हो गए और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
कोरोना काल में गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने स्वनिधि सम्मान योजना के तहत रोजगार करने के लिए आर्थिक मदद की थी जिससे कि गरीब कमजोर वर्ग छोटे रोजगार करके अपने परिवार का पालन पोषण कर सके लेकिन सरकार की इस मंशा को सरकार के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं।
इसका जीता जागता उदाहरण है यह वीडियो जिसमे सीओ सिटी डॉ अंजनी चतुर्वेदी एनच पर दिनदहाड़े एक गरीब ई-रिक्शा चालक को एडीजी की मौजूदगी में जमकर पीटा और माँ बहन की भद्दी भद्दी गालियां दी।
दरसल, एडिजी एस एन साबत मिशन शक्ति के तहत एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रायबरेली आये थे। रतापुर स्थित पालीटेक्निक में एडीजी, डीएम और एसपी के साथ कार्यक्रम में शामिल थे वहीं दूसरी तरफ सीओ सड़क पर अपनी गुंडागर्दी का प्रदर्शन कर रहे थे। सीओ ने गरीब ई रिक्शा चालक की पिटाई केवल इसलिए कर दी क्योंकि वह चौराहे पर खड़ा हो गया था। सीओ की पिटाई से दहशत में आया ई रिक्शा चालक मौके से चला गया।
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