बेसिक शिक्षा के शिक्षक कर रहे हैं प्रमाण पत्रों में जाल फरेब का खेल, क्या जांच होगी


 

जौनपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार अब स्कूल कालेज तक अपनी दस्तक दे दिया है। प्राथमिक से लेकर जूनियर तक ऐसे शिक्षकों की फौज है जिसे यही नहीं पता कि छात्र कब प्रवेश लिया और उसे प्रमाण पत्र किस तिथि का प्रदान कर रहे हैं। यह कार्य अगर अनजाने में होता है तो शिक्षक की शिक्षा पर सवाल खड़ा होता है और अगर जानबूझ कर बच्चों को परेशान करने के लिए खेल किया जाता है तो ऐसे शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी को गम्भीरता से लेने की जरूरत है। 

जी हाँ कोई कपोल कल्पित कहनी नहीं बल्कि विकास खण्ड मड़ियाहूं क्षेत्र स्थित मेहंदीगंज कुम्भ के  पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक का यह खेल प्रकाश में आया है। गत 7अक्टूबर 20 को आंचल चौहान पुत्री सुरेन्द्र चौहान नामक बालिका की टीसी स्थानान्तरण पत्र जारी किया गया जिसमें उसके प्रवेश की तिथि 24 जुलाई 17 दर्शाया गया है और उसे कक्षा 8 से पास होने की तिथि 28 नवम्बर 2005  दिखाया गया है। यह क्यों और कैसे हुआ यह तो जांच का बिषय है लेकिन प्रधानाध्यापक के इस लापरवाही अथवा अशिक्षा पूर्ण कृत्य से छात्रा और उसके परिजन खासे परेशान है। सुरेन्द्र चौहान ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच की मांग किया है। 

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