मल्हनी के उप चुनाव में दोनों राष्ट्रीय दलों की स्थिति बिन दूल्हा बाराती जैसी आ रही नजर



जौनपुर। मल्हनी विधानसभा के उप चुनाव हेतु नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही अब प्रचार अभियान भी तेज होता जा रहा है। लेकिन चुनावी जंग में आने वाली दो राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा और कांग्रेस की स्थिति अभी तक यहाँ पर बिन दूल्हा बाराती की बनी हुई है। जबकि सपा और बसपा ने अपना चेहरा घोषित करते मल्हनी फतह का अभियान छेड़ दिया है। 
यहाँ बतादे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के ऐलान कि किसी भी दशा में हमे मल्हनी उप चुनाव जीतना है का संदेश देने के बाद सपा मे जबर्दस्त एकता आयी है। सपा का हर एक कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी अथवा नेता पूरी ताकत के साथ मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में घर घर पहुंच कर सपा के पक्ष में वोट मांग रहा है और अपने कार्यकर्ताओं को संदेश दे रहा है कि यह किसी एक प्रत्याशी की जंग नहीं है बल्कि पूरे समाजवादी पार्टी की लड़ाई है मल्हनी सपा की थी और आगे भी रहनी चाहिए। इसी संकल्प के साथ सपा के सभी नेता गण मल्हनी मे अब डेरा डाल दिये हैं। प्रत्याशी युवा नेता लकी यादव खुद पूरे दिन सघन सम्पर्क करने में लगे हुए है। महान दल को सपा के साथ आने से सपा पहले के चुनावों से अधिक मजबूत नजर आ रही है। साथ इस चुनाव में सरकार के साढ़े तीन साल की नाकामयाबियों का असर जरूर दिखेगा क्योंकि युवा सरकार से खासा नाराज नजर आ रहा है। 
अब हम बात करते हैं सत्ता धारी दल भाजपा का तो सबसे पहले यह बतादे कि अभी तक यानी 11अक्टूबर 20 की सायं तक इस पार्टी ने अपना कोई चेहरा यानी प्रत्याशी नहीं घोषित कर सकी है। हां बगैर प्रत्याशी के ही भाजपा सभी नेता मल्हनी मे केन्द्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं जो उपलब्धियां बता रहे है उसमें विकास गायब है। यही नहीं प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ एक बार खुद मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में आये और मल्हनी सीट हर हाल में भाजपा की झोली में डालने का ऐलान किया तो दूसरी बार वर्चुअल मिटिंग कर मल्हनी जीतने की प्रति बद्धता जताया है। इतना ही नहीं सरकार के दो मंत्री एवं काशी प्रान्त के नेता यही मल्हनी मे डेरा डाले बैठै है। सब कुछ के बावजूद मल्हनी का नौजवान सरकार से विकास और सरकारी नौकरियों के बाबत सवाल करता है तो भाजपा के लोग चुप्पी साधते नजर आ रहे है। युवा भले नाराजगी जता रहा है लेकिन भाजपा के लोग 370 और मन्दिर को अपनी उपलब्धि बताने से नहीं चूक रहे है और कहते हैं हम हर हाल में मल्हनी जीतेगे। 
रही बसपा की तो अभी तक उप चुनावों से दूर रहने वाली बसपा यहाँ मल्हनी मे ब्राह्मण समाज पर दांव लगाते हुए ब्राह्मण और हरिजन मतदाताओं के भरोसे लड़ने का ख्वाब देखा है लेकिन ब्राह्मण बसपा के साथ जाने की स्थिति में नहीं नजर आ रहा है। मल्हनी के ब्राह्मण कई गुटो में बटते नजर आ रहे है। वह भी भाजपा से खासे नाराज हैं इस लिए बसपा बहुत असरकारी तो नहीं है लेकिन चेहरा देकर चुनावी जंग में मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक दे रही है। 
मल्हनी विधानसभा के चुनाव में जिले के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद जो कभी रारी से विधायक भी रहें है धनन्जय सिंह चुनाव मैदान में है इनके पास मल्हनी मे इतने कार्यकर्ता है कि खुद एक पार्टी है हलांकि विधायक लोजपा के बैनर तले बने तो सांसद बसपा के चुनाव चिन्ह पर बने थे। अभी निर्दल ताल ठोका है लेकिन चर्चा तेज है कि कांग्रेस का दामन थाम कर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते है। यदि ऐसा हुआ तो धनन्जय सिंह को वोट में कोई लाभ भले नहीं होगा लेकिन कांग्रेस एक सशक्त पार्टी के रूप में मैदान में रहेगी। इनका भी व्यक्ति गत रूप से मल्हनी में प्रचार अभियान तेज हो गया है परिवार के लोगों सहित कार्यकर्ता गांव गांव घूम रहे हैं। 
इस तरह अब मल्हनी विधानसभा के उप चुनाव में सभी राजनैतिक दलों सहित निर्दल प्रत्याशी द्वारा जन सम्पर्क अभियान तेज कर दिया गया है। यहां इतना बता दे कि जब से मल्हनी विधानसभा बनी है तब से इस सीट पर सपा का कब्जा रहा है और पारस नाथ यादव यहाँ से विधायक होते रहे उनके निधन के चलते उप चुनाव हो रहा है । पारस नाथ जी भले ही इस दुनियां में नहीं है लेकिन उनकी आत्मा आज भी मल्हनी के चुनाव में लड़ती नजर आ रही है। इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि चुनाव का परिणाम क्या हो सकेगा। 

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