गोंडा कान्ड का बड़ा खुलासा थानेदार की साजिश से साधू पर चली गोली
प्रदेश के जनपद गोंडा में श्रीराम जानकी मंदिर के पुजारी पर गोली चलाए जाने में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत और जातिवादी राजनीति भी जिम्मेदार होने का बड़ा खुलासा हुआ है। मंदिर के महंथ सीताराम दास की थाना प्रभारी संदीप सिंह से हुई बातचीत का वायरल ऑडियो पूरे मामले में बडी साजिश का खुलासा कर रहा है। इसके अनुसार थानाध्यक्ष ने ही मंदिर की जमीन कब्जा कराने की सुपारी ले रखी थी। सत्ता से जुडे लोगों का जातिवादी एंगल, प्रदेश में मंदिरों की जमीन पर कब्जा और साधुओं की हत्या के बढ़ते मामले हिन्दू समाज के लिए भी बडी चुनौती और चिंता बन सकते हैं।
गोंडा में पुजारी पर गोली चलाए जाने का मामला केवल मंदिर भूमि विवाद और अपराध की सामान्य घटना तक सीमित नहीं है। श्रीराम जानकी मंदिर के महंथ सीताराम दास और इटियाथोक थाना प्रभारीसंदीप सिंह की फोन पर हुई बातचीत के अंश बेहद चौंकाने वाले और बडी साजिश का संकेत कर रहे हैं। मंदिर के पुजारी पर हमले की वारदात की आशंका बहुत पहले से बनी हुई थी।
महंथ ने थाना प्रभारीसे मोबाइल फोन पर बातचीत में उन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। महंथ के अनुसार मंदिर की जमीन पर कब्जा करने और मंदिर के पुजारी व महंथ को कमजोर करने के लिए ही साजिश के तहत संदीप सिंह को थाने पर तैनाती दिलाई गई थी। इसी साजिश के तहत मंदिर महंथ को मिली सुरक्षा में लगे सिपाहियों को हटाकर होमगार्ड की तैनाती कराई गई। जब मंदिर पर हमला कर पुजारी सम्राटदास को गोली मारी गई तो मंदिर में तैनात होमगार्ड कुछ नहीं कर सका।
मंदिर पर कुछ दिनों पहले बम से हमला किया गया था तो इसकी शिकायत भी महंथ ने थाना प्रभारी संदीप सिंह से की लेकिन पूरी शिकायत सुनने के दौरान उन्होंने मामले की गंभीरता के अनुसार प्रतिक्रिया देने के बजाय महंथ की बातों की उपेक्षा की।
महंथ के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने बम से हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय मामले को झूठा करार देने की कोशिश की। इस ऑडियो में महंथ ने यह खुलासा भी किया है कि मंदिर की जमीन पर कब्जा करने वालों में सत्ता से जुडे जाति विशेष के लोग शामिल हैं। इस वजह से ही पूर्व ग्राम प्रधान अमर सिंह का साथ संदीप सिंह भी दे रहे हैं और उन्हें खास तौर पर इटियाथोक थाना इसीलिए लाया गया है।
इटियाथोक थाना के तिर्रेमनोरमा गांव स्थित उद्दालक मुनि आश्रम और श्रीराम जानकी मंदिर की 120 बीघे भूमि पर कब्जा करने का विवाद पुराना है। पौराणिक नदी मनोरमा के उद्गम स्थल तिर्रेमनोरमा में मंदिर के पास 120 बीघे भूमि है। जिसकी आय मंदिर को मिलती है। अयोध्या के तपसी छावनी के महंथ के भतीजे अतुल बाबा उर्फ सम्राट दास यहां के मुख्य पुजारी हैं और मंदिर के महंथ सीताराम दास हैं। महंथ ने पूर्व ग्राम प्रधान अमर सिंह पर और उनके सहयोगियों पर घटना का आरोप लगाया है। मंदिर की जमीन पर कब्जा करने के लिए पूर्व प्रधान ने कुछ लोगों के साथ मिलकर एक ट्रस्ट का गठन किया और जमीन पर कब्जा कर लिया।
अदालत के आदेश से अब जमीन वापस मंदिर के पास पहुंच चुकी है लेकिन विवाद बना हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान की छवि दबंग की है। उन पर कई दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उन्हें गोंडा की राजनीति में प्रभावशाली सजातीय नेता का करीबी माना जाता है। इसलिए मंदिर प्रबंधन का आरोप है कि जमीन पर कब्जा करने की साजिश में बडे लोग शामिल हैं। इटियाथोक के प्रभारी निरीक्षक संदीप सिंह ने घटना के बाद मीडिया को बताया कि मंदिर के महंथ सीताराम दास की तहरीर पर पूर्व प्रधान अमर सिंह, भयहरण सिंह, दरोगा और मुकेश सिंह निवासी तिर्रेमनोरमा के विरुद्ध हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
हलांकि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने मंदिर के पुजारियों व साधुओं की हत्या को लेकर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही मांग किया है कि साधुओं की हत्या की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। गोंडा का मामला चौंकाने वाला है। इससे पता चलता है कि मंदिरों की जमीन पर कब्जा करने के लिए बडे स्तर पर साजिश की जा रही है। यह नए प्रकार के भूमािफया हैं।
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