पीयू के कुलपति सहित देश की 13 हस्तियों को मिला महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार




जौनपुर। वीर बहादुर सिंह  पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य
समेत विभिन्न क्षेत्र की 13 हस्तियों को शुक्रवार को दिया गया महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान शांति के उन्नायक महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती पर ओस्लो, नॉर्वे की संस्था भारतीय - नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा ऑनलाइन दिया गया। यह सम्मान समाज सेवा और विश्व शांति साहित्य सेवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में दुनिया के प्रतिष्ठित लोगों को दिया जाता है।

गांधी जयंती पर समाजसेवा एवं विश्वशांति के लिए अमूल्य योगदान एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए प्रख्यात चिंतक, समाजसेवी एवं सम्पादक श्री गुलाब कोठारी, जयपुर को सर्वोच्च  सम्मान मिला। इस श्रेणी में गोवा की पूर्व राज्यपाल एवं लेखिका श्रीमती मृदुला सिन्हा, नई दिल्ली, ओस्लो के समाचार पत्र आकेर्सआवीस ग्रूरुददालेन के सम्पादक यालमार शेलांद, नॉर्वे एवं यूनाइटेड किंगडम के वरिष्ठ समाजसेवी और राजनीतिज्ञ श्री वीरेन्द्र शर्मा, लन्दन को सम्मानित किया गया।
साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में  प्रसिद्ध लेखक एवं आलोचक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा उज्जैन, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. निर्मला एस. मौर्य, चेन्नई, हिंदी एवं पंजाबी के प्रसिद्ध लेखक प्रो. हरमहेन्द्र सिंह बेदी, अमृतसर और नॉर्वेजियन लेखिका इंन्विल्ड क्रिस्तीने हेरजोग, ओस्लो को सम्मानित किया गया।
पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ सम्पादक श्री सुभाष राय, लखनऊ, संपादक श्रीमती सर्वमित्रा सुरजन नई दिल्ली, सम्पादक राजीव सिंह, लखनऊ, सांस्कृतिक पत्रकार श्री राजेश विक्रान्त, मुंबई एवं मीडिया विश्लेषक प्रो सन्तोष तिवारी, लखनऊ को भी मिला पुरस्कार।
ओस्लो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि नार्वेजीय अरबाइदर पार्टी की राजनेत्री एवं ओस्लो नगर पार्लियामेंट में मंत्री सुश्री रीना मारियम हांसेन, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार के चेयरमैन श्री अवनीश कुमार एवं  केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के श्री दीपक पांडेय और कार्यक्रम सचिव श्री थूरस्ताइन विंगेर, उपस्थित रहे।

Comments

Popular posts from this blog

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार

अटल जी के जीवन में 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा"की थी स्पष्ट क्षलक -डा अखिलेश्वर शुक्ला ।

त्योहार पर कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने एवं हर स्थित से निपटने के लिए बलवा ड्रील का हुआ अभ्यास,जाने क्या है बलवा ड्रील