मड़ियाहूं नगर पंचायत: चेयरमैन लापता लूटपाट मे जुटे परिजन,जनता है परेशान
जौनपुर। जनपद की नगर पंचायत मड़ियाहूं की आवाम अब वर्तमान अध्यक्ष का चयन करके पश्चाताप कर रही है। क्योंकि जिसे जनता ने अपना चेयरमैन चुना वह तो मड़ियाहूं में रहती ही नहीं है। वह तो अपने पति के साथ जनपद गोरखपुर में रहती है। पंचायत अध्यक्ष की अनुपस्थिति के चलते जनता से जुड़े तमाम कार्यों के साथ पंचायत के विकास का कार्य प्रभावित रहता है। चेयरमैन की अनुपस्थिति में उसका पूरा लाभ उनके परिजन उठाते हुए कमीशन खोरी से लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाओ में खुला हस्तक्षेप करते हुए जहां पंचायत को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहे हैं वहीं जनता समस्याओं से जूझने को मजबूर हो गयी है।
चेयरमैन रूकसाना कमाल फारूकी
यहाँ बतादे कि विगत पंचायत के चुनाव में मड़ियाहूं की आवाम ने रूकसाना कमाल फारूकी पर विश्वास करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष मड़ियाहूं की कुर्सी पर आसीन करा दिया। चुनाव के पश्चात शपथग्रहण के कुछ समय तक रूकसाना कमाल फारूकी यहाँ पर रह कर पंचायत की समस्याओं से रूबरू हो रही थी लेकिन यह अधिक दिन नहीं चला। चूंकि इनके पति कमाल फारूकी जनपद गोरखपुर स्थित हाटा सूगर मिल में नौकरी करते हैं इसलिए चेयरमैन रूकसाना भी अपने पति के साथ गोरखपुर में रहती है कभी कभार यहाँ आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रहती है। खबर यह है कि चेयरमैन के न रहने से पंचायत के जहां सरकारी कार्य प्रभावित होते हैं वहीं पर जनता अपनी समस्याओंको लेकर पंचायत कार्यालय का चक्कर लगाती रहती है कोई सुनने वाला नहीं है। प्रमाणपत्र अथवा नक्शा आदि जैसे छोटे मोटे काम के लिये लोगों को एक से दो महीने तक इन्तजार करना पड़ता है। तब कहीं जा कर उनके हस्ताक्षर हो पाते हैं।
वैस फारूकी जेठ
यही नहीं नगर पंचायत द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्य में उनके पति व उनके जेठ वैस फारूकी का पूर्ण हस्तक्षेप रहता है नगर पंचायत के कुछ चिन्हित ठेकेदारों को गोपनीय तरीके से ठेका देकर स्वयं इनके जेठ वैस फारूकी व पति कार्य कराकर पंचायत से भुगतान ले रहे हैं दर्जनों कार्य ऐसे भी संज्ञान में आए है कि जिस कार्य को पूर्व चेयरमैन द्वारा कराया गया है उस पर भी पुनः गुप्त टेंडर करा कर भुगतान प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे प्रकरणों की खबर लगने पर जब अधिशासी अधिकारी डॉ संजय सरोज से जानकारी किया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यों की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं है न ही मैंने किसी ऐसे कार्य के टेण्डर पर हस्ताक्षर किया है जिसे पहले कराया जा चुका है। अगर ऐसा कोई भी कार्य प्रकाश में आता है तो वह अवैध माना जाएगा और उस कार्य का भुगतान मेरे द्वारा नहीं किया जाएगा।
कार्यालय
जो भी हो लेकिन सच तो यही है कि राजा को पता ही मुसहर बन बाँट लेने वाला मुहावरा यहाँ नगर पंचायत मड़ियाहूं में खूब चरितार्थ हो रहा है। यानी चेयरमैन गायब उन्हें कुछ पता ही नहीं जेठ वैस फारूकी पंचायत को कागजी बाजीगरी का खेल करके आर्थिक रूप खोखला करने में दिन रात लगे हुए हैं। नगर पंचायत के जनता की समस्याओं को दूर करने एवं पंचायत के विकास की रूकी प्रक्रिया को चालू कराने हेतु शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट है।
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