आम आदमी पार्टी ने राज्य सभा में जबरन बिल पास कराने का किया विरोध


जौनपुर। किसानों के हितों के खिलाफ  संख्या कम होने के बावजूद बिना वोटिंग के जबरन राज्यसभा द्वारा पारित बिल को वापस लेने की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष नरायण सिंह मुन्ना के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए आप के कार्यकर्ताओं द्वारा एक ज्ञापन  बजरिये सिटी मजिस्ट्रेट जौनपुर महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार को भेजा गया है। 
इस मौके पर मुन्ना सिंह ने कहा कि पहली बार  भारतीय संसद में असंवैधानिक तरीके से पारित एग्रीकल्चर ऑर्डिनेंस (कृषि अध्यादेश) से जय जवान और जय किसान के नारा लगाने वाले देश में किसानों की बदहाली में एक और काला अध्याय जोड़ने का काम केंद्र में बैठी भाजपा सरकार के द्वारा किया गया है ।  भारतीय जनता पार्टी की सरकार को किसानों की कोई चिंता नही है एमएसपी ऑर्डिनेंस बिल उसका जीता जागता उदाहरण है।
कृषि सेक्टर को प्राइवेट हाथों में देने के लिए यह बिल लाया गया है, इससे एमएसपी खत्म हो जाएगी क्या? एग्रीकल्चर ऑर्डिनेंस (कृषि अध्यादेश) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कहा गया कि किसानों के लिए यह एक क्रांतिकारी बिल है, लेकिन सच यह है कि कृषि जो हमारे देश की धरा है, 80 प्रतिशत लोग जो गांव में रहते हैं वो कृषि पर निर्भर हैं, उसको प्राइवेट हाथों में देने के लिए यह बिल लाया गया है। इस बिल की वजह से धान और गेहूं की एमएसपी खत्म हो जाएगी। बिल में प्राइवेट कंपनियों को खुली छूट दे दी गई है कि आप आइए और कृषि क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लीजिए।  किसानों से खेती को भी छीना जा रहा है। 
इस बिल के पास होने से बड़े-बड़े पूंजिपतियों को कृषि क्षेत्र में आने का मौका मिलेगा। 10-20 एकड़ जमीन के क्लस्टर बनेंगे और पूंजीपति कहीं से भी फसल खरीद कर, देश में कहीं भी उसका भंडार (स्टोर) कर सकेंगे।
इस बिल के अनुसार अब किसी भी जरूरी वस्तु को कहीं भी इकट्ठा किया जा सकता है। जरूरी वस्तुओं का जितना चाहे उतना भंडार किया जा सकता है और जब मन चाहे उसे बेचा जा सकता है।
उन्होंने कहा की आम आदमी पार्टी मांग करती है कि उघोगपतियों को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से संसद मे पारित किसान विरोधी बिल को वापस लिया जाए अन्यथा आप पूरे देश भर मे किसान भाईयो के साथ मिलकर सड़को पर संघर्ष करेगी ।

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