धर्म की मान्यता के तहत ताजिया दफन करना ताजियादरों को पड़ा मंहगा, पुलिस कार्यवाही की तैयारी में
जौनपुर। शासन से भीड़ इकट्ठा होने पर लगायी गयी बन्दिश के बाद भी गत सोमवार को शिया मुसलमानों के कुछ लोगों ने इमामबाड़ा में ताजिया दफन करने जाते समय पुलिस एवं प्रशासन के साथ हुईं झड़प एवं बड़ी संख्या में इकट्ठा मुसलमानों द्वारा की गयी नारेबाजी तथा शासन के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में दर्ज मुकदमें के तहत अब पुलिस थाना कोतवाली कार्यवाही करने की तैयारी में लग गयी है।
इस संबंध में शहर कोतवाल संजीव मिश्रा कहते हैं कि घटना के समय वायरल वीडियो की फुटेज को गम्भीरता से देखा जा रहा है। साथ ही बीट के सिपाहियों के जरिए भीड़ में आये लोगों की पहचान करायी जा रही है। इसके बाद गिरफ्तारी सम्भावित है। इस कार्यवाही में कोई निर्दोश न फंसे इसके लिए खासा एहतियात बरता जा रहा है। पुलिस मान रही है कि भीड़ में सर्वाधिक नकाब पोश महिलाओं को होने से प्रशासन के निर्णय का विरोध करने वालों के पहचान में कठिनाई आ रही है लेकिन गहन छान बीन के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।
पुलिस कानून के तहत कार्रवाई करेगी।
यहाँ बतादे कि की घटना के पश्चात मुसलमानों ने प्रशासन पर आन्दोलन कर दबाव बना कर ताजिया को दफ़न करने में सफल रहे। इसके बाद सायं काल के समय पुलिस ने 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया अब उसके तहत कार्यवाही में जुट गयी है। पुलिस की माने तो इसमें उकसाने वालों को चिन्हित करने का प्रयास जारी है ताकि उनको भी कार्यवाही की जद में रखा जाये ।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर शिया समुदाय के कुछ मुसलमानों ने कहा कि धर्म की मान्यता के अनुसार ताजिया का दफन होना इसलिए जरूरी होता है कि दफन से पहले ताजियादार कोई दूसरा काम नहीं कर सकता है। हमें अकेले ताजिया दफनाने की छूट देनी चाहिए थी। अब पुलिस जो कार्यवाही करने जा रही है वह एक तरह से मुस्लिमों का उत्पीड़न होगा।
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