डब्लूएचओ की चेतावनी लाक डाऊन तेजी से खोलना खतरे से खाली नहीं



कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच लॉकडाउन को इतनी तेजी से खोलना खतरनाक है और यह तबाही का कारण बन सकता है। यह चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस गब्रेयसस ने दी है। उन्होंने कहा कि जो देश तेजी से लॉकडाउन खोलने में जुटे हुए हैं उन्हें कोरोना का संक्रमण रोकने के प्रति भी गंभीर रुख अपनाना चाहिए। ऐसा न करने पर नतीजे खतरनाक होंगे।
उन्होंने कहा कि अभी भी इस वायरस का खतरनाक रूप खत्म नहीं हुआ है और इसलिए हमें बड़े आयोजनों से बचने के साथ ही स्वयं की रक्षा और संक्रमितों का पता लगाने पर जोर देना चाहिए। इसके साथ ही संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों को अलग करने, जांच में तेजी लाने और संक्रमित पाए गए लोगों की उचित देखभाल करना भी जरूरी है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि नए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 90 फीसदी देशों में कोरोना के कारण अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों की स्वास्थ्य सेवाओं पर कोरोना के असर का अध्ययन करने के लिए 105 देशों में यह सर्वेक्षण किया गया था। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से इस बात का खुलासा हुआ है कि मौजूदा महामारी की तरह स्वास्थ्य सेवा में पैदा हुए संकट से निपटने के लिए भी ठोस प्रयास किए जाने की जरूरत है।
टेड्रोस ने कहा कि यह भी पता चला है कि कोरोना वायरस के कारण 70 फ़ीसदी देशों में नियमित टीकाकरण काफी प्रभावित हुआ है। इसके साथ ही अन्य गंभीर रोगों के इलाज पर भी कोरोना का काफी असर पड़ा है। सर्वेक्षण में शामिल एक चौथाई देशों का कहना है कि महामारी की वजह से उनके देश में आपात चिकित्सा सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में पूरी दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है।
दुनिया के अधिकांश देशों में कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन को खोला जा चुका है। इस कारण संक्रमण के मामलों में भी तेजी दर्ज की जा रही है। पूरी दुनिया में दो करोड़ 56 लाख 22 हजार मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक करोड़ 80 लाख मरीज करोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जबकि इस वायरस ने करीब साढे़ आठ लाख लोगों की जान ले ली है।
पूरी दुनिया में इस वायरस की वैक्सीन खोजने का काम तेजी से चल रहा है और कई देशों में यह प्रक्रिया तीसरे चरण में पहुंच चुकी है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन आने में अभी कुछ समय लगेगा और इस कारण लोगों को वायरस से बचाव के लिए मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने जैसे उपायों पर सख्ती से अमल करना चाहिए।
इस बीच भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 37 लाख के ऊपर पहुंच गया है। अब तक देश में 37 लाख 32हजार 227 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। भारत के लिए राहत की बात यह है कि इनमें साढ़े 28 लाख से अधिक लोग कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। देश में अभी तक इस वायरस ने करीब 66 हजार लोगों की जान ली है।

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