समाजवादी पार्टी ने 21 को तहसील मुख्यालय घेरने का किया ऐलान




लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलनों का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं को साफ इशारा कर दिया है कि वह जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करें। 21 सितम्बर को समाजवादी पार्टी ने सभी तहसील मुख्यालय पर शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया है । कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता, भ्रष्टाचार और सरकारी उत्पीड़न में वृद्धि, बेहाल किसान, बेरोजगारी और ध्वस्त कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजेंगे।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि भाजपा सरकार सरकार पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है । सरकार के कामकाज की शैली से प्रदेश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चौपट हो चुकी है आए दिन हत्या लूट बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं इनका विरोध करने वालों पर सरकार अपना दमन चक्र चला रही है उन्हें फर्जी मुकदमों में जेल भेजा रहा है । सरकार की गलत नीतियों का समाजवादी कार्यकर्ता हमेशा विरोध करते रहे हैं। राज्य सरकार की गलत नीतियों और विरोध को कुचलने के रवैये से अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
प्रदेश की जनता की समस्याओं को देखते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को आंदोलन की अनुमति दे दी है। उनके निर्देश पर 21 सितंबर को सभी तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। दौरान पार्टी कार्यकर्ता शारीरिक दूरी के नियमों का पालन भी करेंगे। प्रदर्शन के साथ ही राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन देकर सरकारी मनमानी, तानाशाही और ध्वस्त कानून व्यवस्था, शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र में गड़बड़ी आदि समस्याओं पर संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते हुए प्रभावी कार्यवाही करने का आग्रह करेगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना का कहर प्रदेश में विकराल रूप धारण करता जा रहा है। भाजपा की राज्य सरकार इसकी रोकथाम में असफल साबित हुई है। जो लोग कोरोना से संक्रमित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं उन्हें पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों में कोरोना से मौतें थम नहीं रही हैं।
समाजवादी सरकार के समय की 1090 और 181 महिला हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं भी भाजपा सरकार खत्म करने जा रही है। अनियोजित लाॅकडाउन के दौरान जो लाखों श्रमिक प्रदेश में अपने घर वापस आए, रोजगार के अभाव, आर्थिक तंगी, नौकरी न होने और कारोबार व्यापार बंदी से मजबूर होकर आत्महत्या कर रहे हैं। किसान, मजदूर, नौजवान, बुनकर, व्यापारी, छात्र, महिलाएं, अल्पसंख्यक सभी बदहाल हैं। लूट, हत्या, अपहरण की घटनाएं रोज ही घट रही हैं।
महिलाओं-बच्चियों से दुष्कर्म और विपक्ष खास कर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मामलों में सरकार संवेदनशून्य रवैया अपनाती है। इन सब के विरोध में आप समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता चुप बैठने वाला नहीं है सरकार के दमन से भी आवाज दबाई नहीं जा सकती।

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