लाइन बाजार थाने के तीन पुलिस कर्मियों पर की गयी निलम्बन की कार्यवाही अब सवालों के घेरे में
जौनपुर। पुलिस अधीक्षक द्वारा लाइन बाजार थाने के तीन पुलिस कर्मियों पर की गयी निलम्बन की कार्यवाही अब सवालों के कटघरे में खड़ी हो गयी है। जनता के बीच हो रही चर्चाओं का जबाब क्या पुलिस विभाग के अधिकारी सार्वजनिक कर सकेंगे। जन मानस में इस बात की चर्चा है कि "मजा मारे गाजीमियां, मार खाये मुजावर", यानी सिपाही अथवा चालक तो थानेदार के अधीन होते हैं वह जो कहते हैं वही करना पड़ता है।
यहाँ बतादे कि पुलिस अधीक्षक ने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में आरक्षी चालक धनन्जय पाठक थानेदार के हमराही सिपाही पंकज पुरी एवं सन्तोष कुमार सैनी को निलम्बित कर दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या सिपाही या चालक अपनी मर्जी से कोई लोकेशन दिया था अथवा थानेदार के इशारे पर लोकेशन दिया था। अगर सिपाहियों को दन्ड दिया तो थानेदार भी तो जिम्मेदार होते हैं उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं किया गया यह एक यक्ष प्रश्न है ।
सूत्र बताते हैं कि थानेदार के उपर सरकार के दो असर दार मंत्रियों का वरदहस्त प्राप्त है इसी लिए सायद पुलिस अधीक्षक ने उनके खिलाफ कार्यवाही करने का साहस नहीं दिखाया है। खबर यह भी है कि थानेदार दावा करता हैं कि जब तक मंत्री है तब तक कोई अधिकारी या जिले का भाजपायी नेता हमारा कुछ नहीं कर सकता है।
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