ब्राह्मण हत्याओं के मामले में विपक्ष के साथ अब सरकार के विधायक ने मुद्दे को गरमाया, सदन में होगी चर्चा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ब्राम्हण उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ चुकी योगी सरकार के विधायक भी अब मुखर होने लगे हैं। पार्टी के एक विधायक ने यह मामला अब विधानसभा में उठाने का फैसला किया है। पार्टी विधायक देवमणि दुबे ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि पिछले साढे तीन साल में अब तक कितने ब्राम्हणों की हत्याएं हुई हैं और सरकार की इसे रोकने के लिए रणनीति क्या है। सत्ताधरी दल के विधायक के इस सवाल से प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है।
देवमणि दुबे वही विधायक हैं जो हाल ही में अलीगढ़ में विधायक राजकुमार सैनी और पुलिस के बीच हुए विवाद के बाद घटनास्थल पर पहुंचे थें। सुल्तानपुर की लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने देवमणि दुबे काफी धार्मिक और संस्कारशील विधायक कहे जाते हैं। उन्होंने इस मामले को विधानसभा में उठाए जाने की सूचना आज संसदीय अनुभाग में दे दी। इसके बाद यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। सूचना में सवाल किया गया है कि योगी सरकार के पिछले तीन साल के कार्यकाल में कितने ब्राम्हणों की हत्याएं हुई और कितने पकड़े गए। साथ ही ब्राम्हणों के हत्यारों में कितनों को पुलिस सजा दिलवाने में कामयाब रही।
लम्भुआ विधायक देवमणि दुबे ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बारे में सवाल किया है। दरअसल मुख्यमंत्री के पास ही इस समय गृह विभाग है। इसलिए उन्होंने गृह मंत्री को सम्बोधित करते हुए यह भी सवाल किया कि सरकार ने ब्राम्हणों की सुरक्षा के लिए क्या रण्नीति तैयार की है। उन्होंने सवाल किया कि ब्राम्हणों की सुरक्षा के लिए क्या सरकार ने कोई ऐसे इंतजाम किए हैं जिससे उनको शस्त्र लाइसेंस में प्राथमिकता दी जाए। यह भी सवाल किया है कि कितने ब्राम्हणों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदनपत्र दिया और कितनों को शस्त्र लाइसेंस दिए गए हैं।
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