सावधान: प्राइवेट चिकित्सक खांसी जुकाम बुखार के मरीजों का इलाज करते मिले तो होगा मुकदमा दर्ज - डीएम जौनपुर
जौनपुर। जनपद में कुछ प्राइवेट डॉक्टर नर्सिंग होम और झोलाछाप डॉक्टर खांसी बुखार जुखाम सांस लेने में दिक्कत वाले मामलों में इलाज कर रहे हैं। वह जब फेल हो जाते हैं तो जिला अस्पताल भेज देते हैं। ऐसी सूचना प्रशासन के संज्ञान में आने पर जिला प्रशासन ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। प्रशासनिक अधिकारी का मानना है कि अगर इस प्रकार के लक्षण हैं तो ऐसे मरीज कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं ।
जिलाधिकारी ने जारी विज्ञप्ति के जरिए बताया है कि ऐसे मरीजों को देखने के लिए प्रशासन ने बार-बार अपील की है कि कोई डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज ना करें। उसे सीधे जिला अस्पताल भेज दे, जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं सरकारी स्तर पर उसका सर्वप्रथम रैपिड एंटीजन किट से जांच करायेगा कि उसे कोरोना है अथवा नहीं। यदि कोरोना है तो उसके अनुसार ईलाज तत्काल प्रारंभ कर दिया जाएगा।
यदि झोलाछाप डॉक्टरों ने इलाज करता है तो समय और केश दोनों खराब होता है बाद में जिला अस्पताल आते-आते उसकी स्थिति और भी खराब हो जाती है।ऐसे में सभी से अपील है कि आदेश का पालन करें । अब यदि कोई झोलाछाप डॉक्टर का अवैध तरीके से इलाज करते हुए पाया गया तो उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जनता से भी अपील है कि किसी भी व्यक्ति को खांसी बुखार जुखाम सांस लेने में दिक्कत है तो वह अपने नजदीकी ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर या जिला अस्पताल में जाएं वहां पर अपनी कोरोना की जांच करा लें। जांच करके आधे घंटे में परिणाम बता देंगे और उसके हिसाब से आगे का इलाज होगा ।
जिला प्रशासन द्वारा सभी नर्सिंग होम और आईएमए के साथ बैठक करके यह भी निर्देश दिए गए थे कि अस्पताल के बाहर हेल्प डेस्क लगाई जाए जहां पर चेक किया जाए अगर ऐसे लक्षण वाले व्यक्ति आते हैं तो उनको अस्पताल के अंदर ना भेज कर सीधे जिला अस्पताल भेजा जाए। फिर भी कुछ लोग इस प्रकार का इलाज कर रहे हैं यह उचित नही है टीमें बना दी गई है जो इसी बात की जांच करेगी। कोई भी चिकित्सक अवैध तरीके से इलाज करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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