साहित्यकार डॉ लाल साहब सिंह को दी गयी श्रद्धांजलि
जौनपुर । जज कॉलोनी में सरजू प्रसाद शैक्षिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के तत्वाधान में साहित्यकार डॉ लाल साहब सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सभाजीत द्विवेदी 'प्रखर ' ने कहा कि डॉ लाल साहब सिंह की साहित्यिक यात्रा मुंबई से शुरू हुई थी।सल्तनत बहादुर डिग्री कॉलेज के प्राचार्य रहे।दो दर्जन पुस्तकें लिखी।डॉ रंगीय राघव पर पीएचडी थे।पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रथम डिलीट थे और विश्वविद्यालय की हिंदी पाठ्यक्रम के सदस्य थे ।उनकी मृत्यु से जनपद की अपूरणीय क्षति हुई है ।
वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि डॉ लाल साहब सिंह ने हिंदी साहित्य की इतिहास पर कथा साहित्यऔर समीक्षा की नवीन दृष्टि पर बड़ा कार्य किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश श्रीवास्तव ' गिरीश ' ने कहा कि कि डा लाल साहब सिंह समकालीन युग के बड़े साहित्यकार थे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उन्होंने लेखन का कार्य किया ।प्रारंभ में कविताएं भी लिखते रहे बाद में उनके लेखन कार्य का मुख्य बिंदु वह समीक्षा की तरफ उन्मुख हो गए ज्यादातर कथा साहित्य और आधुनिक कविता पर ही समीक्षा का कार्य किया उनके विचार बहुत ही विस्तृत और कालजयी थे ।
कार्यक्रम संयोजक संस्था सचिव पू.र्व अध्यक्ष बाल न्यायालय संजय उपाध्याय ने कहा कि डॉक्टर लाल साहब सिंह बहुत ही सहज सरल और व्यवहार कुशल थे हम सब को बहुत सम्मान देते थे ।संस्था के समस्त कार्यक्रम में उपस्थित रहते थे डॉक्टर लाल साहब सिंह बड़े समीक्षक हैं । उक्त अवसर पर प्रदीप पाठक, विनोद उपाध्याय, दिनेश मौर्य ,लक्ष्मी नारायण यादव, जितेंद्र उपाध्याय ,इंद्रजीत उपाध्याय, धीरेंद्र सिंह,आनंद कुमार सेठ इत्यादि लोग उपस्थित थे
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