क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि के दबाव में जबरिया जंगल खाते की जमीन पर सड़क बनवा रहा है पीडब्लूडी
जौनपुर। जनपद मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर तहसील सदर के ग्राम सादीपुर में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार द्वारा सभी नियम कानून की खुली अनदेखी करते हुए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि की सह पर जबरिया जंगल खाते की जमीन पर जंगल को कटवा कर एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए सड़क बनाया जा रहा है। इस गलत कार्य का विरोध पूरा गांव कर रहा है शासन प्रशासन सहित न्याय पालिका में न्याय की गुहार लगाई है लेकिन जन प्रतिनिधि के दबाव में सभी तंत्र ठन्डे बस्ते में चला गया है खुलेआम मनमानी हो रही है।
यहाँ बतादे कि कि शासन ने रसैना मार्ग से सादीपुर हरिजन बस्ती के लिए सड़क स्वीकृत किया है और उसके लिए बजट भी एलाट कर दिया है। रसैना मार्ग से सादीपुर हरिजन बस्ती के लिए चक मार्ग बना है। उस पर सड़क का निर्माण इस लिए नहीं कराया जा रहा है कि जिस व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का प्रयास है उसका आवास चक मार्ग पर नहीं पड़ता है। इसीलिए जंगल खाते की जमीन पर लगे हरे वृक्षो का कटवा कर सड़क बनाने का काम लोक निर्माण विभाग के अधिकारी करा रहे है।
खबर यह है कि इस मनमाने पूर्ण कृत्य के खिलाफ गांव के लोगों ने विगत माह जून, जुलाई, अगस्त तक लगभग एक दर्जन शिकायती पत्र जौनपुर जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण विभाग उप्र तथा मंडलायुक्त एवं प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आदि तमाम लोगों को दिया तो हर स्तर से विभाग और प्रशासन से जबाब मांगे जाने पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से सच्चाई का पता तो लगवाये और मौके पर चक मार्ग की नापी भी कराये तो पता चला कि चक मार्ग जंगल खाते की जमीन से लगभग सौ मीटर दूर पर स्थित है।
सब कुछ के बाद गांव की जनता जंगल के खाते की जमीन बचाने एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए इस मामले को हाईकोर्ट में ले गये एक याचिका दायर किया है। गांव की आवाम जंगल को सुरक्षित रखने के लिए लिए लगातार संघर्ष कर रही है लेकिन उसका कोई असर जौनपुर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं दबंग ठीकेदार पर नहीं पड़ रहा है क्योंकि इन सबको क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि का संरक्षण मिला हुआ है। उनके दबाव में जिला प्रशासन के अधिकारी भी कान में तेल डाले आँखे बंद कर लिये हैं और दूसरी ओर खुले आम सुप्रीम कोर्ट के आदेश जो जंगल को संरक्षित करने के बाबत दिया गया है का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां प्रशासन उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन कराने से क्यों परहेज कर रहा है यह एक बड़ा एवं गम्भीर सवाल खड़ा हो गया है।
खबर मिली है कि पुन: लोक निर्माण विभाग एवं ठेकेदार द्वारा जंगल खाते में पेड़ काट कर बनायी गयी कच्ची सड़क पर गिट्टी डाल कर उसे पिच करने की तैयारी किया जा रहा है। अब यहाँ पर सवाल खड़ा होता है कि क्या शासन सरकारी धन का उपयोग शासनदेश के तहत कराने की अनुमति देता है या कहीं भी सरकारी धन खर्च करने की छूट देता है। यहां पर मामला न्यायालय की शरण में पहुंच गया है यदि न्याय पालिका ने जंगल के खाते में बनी सड़क को अबैध ठहरा दिया तो इस सरकारी धनराशि की भरपाई कौन कहाँ से करेगा ? किसकी जिम्मेदारी तय होगी ? आदि तमाम सवाल खड़े हो रहे है।
हलांकि कि लोक निर्माण विभाग एवं ठेकेदार की मनमानी के खिलाफ एक बार फिर सादीपुर गांव के ग्रामीण उदय भान सिंह ने प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सहित लोक निर्माण विभाग के मंत्री एवं मण्डलायुक्त वाराणसी, सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव उप्र शासन, जिलाधिकारी जौनपुर, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग सहित तमाम अधिकारियों सहित जिम्मेदार लोगों को शिकायती पत्र भेज कर जंगल खाते की जमीन बचाने की गुहार लगाया है। देखना यह है कि जिम्मेदार गांव वालों की पीड़ा को गम्भीरता से लेते हैं अथवा लोक निर्माण विभाग तथा दबंग ठेकेदारों को मनमानी की छूट प्रदान कर देते हैं।
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