राम मन्दिर निर्माण हेतु भूमि पूजन साधू संतों के बजाय राजनैतिक द्वारा किया जाना धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन- जगदीश नरायन राय


जौनपुर।  प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता जगदीश नरायन राय ने आज अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण हेतु देश के प्रधानमंत्री द्वारा 5 अगस्त को किये जाने वाले भूमि पूजन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह इतिहास में पहली बार होने जा रहा है है कि पूजा स्थल भगवान राम के मन्दिर निर्माण हेतु भूमि पूजन देश का प्रधानमंत्री ( राजनैतिक व्यक्ति ) करने जा रहा है। अब आदि काल से परम्परा रही है कि धार्मिक स्थलों के निर्माण हेतु भूमि पूजन का काम साधू संतो सन्यासीयों द्वारा किया जाता रहा है। ऐसा हमारे धार्मिक ग्रंथों में मान्यता भी है । 
उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया कि क्या यह मन्दिर मात्र भाजपा वालों के लिए है। क्योंकि इस मन्दिर के भूमि पूजन पर किसी भी विपक्षी दल के लोगों को नहीं बुलाया गया है। मन्दिर तो सभी लोगों का होता है लेकिन भाजपा इसे अपनी जागीर बनाने की फिराक में है। साथ ही यह भी कहा कि आज देश कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रहा है उससे निपटने की कोई व्यवस्था सरकार करने में असफल हो रही है। चूंकि बिहार का चुनाव करीब है इसीलिए मन्दिर का भूमि पूजन कर बिहार में अपनी पीठ थपथपाने की योजना में है। 
श्री राय ने कहा कि आज प्रदेश ही नहीं देश का विकास पूरी तरह से ठहर गया है। पढें लिखे नौजवानों को सरकारी नौकरी नहीं दे रही है केवल झूठी तसल्ली देते हुए देश के तमाम सरकारी उपक्रमों को बेचने का काम किया जा रहा है। मन्दिर के नाम पर धार्मिक उन्माद बढ़ाने का किया जा रहा है। 
प्रदेश के मुख्यमंत्री का जहां तक प्रश्न है वह मुख्यमंत्री के साथ गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर भी बने हुए हैं जबकि एक साथ दो पदो पर रहना संवैधानिक मान्यताओं के खिलाफ है। श्री राय ने कहा कि सरकार इतना पूर्वाग्रह से ग्रसित है कि पूर्व की सरकारो द्वारा जनता को याता यात की सुगमता के लिए स्वीकृत सड़क पुल आदि के लिए धनराशि नहीं दे रही है। केवल मन्दिर मस्जिद करने में जुटी है और नीचे से उपर तक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगी है। 

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