पुलिस ने पुलिस को पीटा, जाने कारण क्या है



नोएडा पुलिस द्वारा दिल्ली पुलिस के जवान को पीटे जाने का एक मामला सामने आया है। घटना एक्सप्रेस वे की है। बकरा ईद आने वाला है और दिल्ली पुलिस कि हेड कांस्टेबल फिरोज अहमद  24-25 जुलाई की रात जेवर से दो बकरे खरीदकर मुरादनगर अपने घर जा रहा था। तभी एक्सप्रेस वे पर प्राइवेट कार में घूम रहे दो पुलिस वालों ने उसे रोक लिया और पूछताछ के दौरान उसके साथ मारपीट की गई। 15 हज़ार रुपये से भरा उसका पर्स छीन लिया। आरोप लगाया कि तुम अवैध तरीके से बकरों का कारोबार कर रहे हो। घटना कासना इलाके की है, लेकिन नोएडा पुलिस के जवान दनकौर थाने (Dankor Police Station) के बताए जा रहे हैं।
हेड कांस्टेबल फिरोज का भाई इमरान गाज़ियाबाद में वकील है। इस मामले में इमरान का कहना है कि घटना की जानकारी होते ही वो कासना थाने पहुंच गया। लेकिन वहां बताया कि हमारे यहां इस नाम और कार वाला कोई दरोगा और सिपाही नहीं है। जब कई जगह पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी पुलिस वाले दनकौर थाने के हैं। लेकिन दनकौर थाना इंचार्ज ने घटना की तहरीर लेने से मना कर दिया। साथ ही इस मारपीट और रुपये छीनने की घटना से इंकार कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस के जवान संग मारपीट का यह मामला नोएडा पुलिस कमिश्नर की जानकारी में भी पहुंच गया है। लेकिन इस बारे में उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि लापरवाही से वाहन चलाने और सीट बेल्ट न लगाने के चलते चालान काटा गया था। जिसका चालक द्वारा खुद को दिल्ली पुलिस का जवान बताते हुए विरोध किया गया। मारपीट और हाथापाई जैसी कोई बात नहीं है। इस मामले पर कुछ इसी तरह की बात थाना प्रभारी दनकौर की ओर से भी कही जा रही है।

दूसरी ओर पीड़ित के भाई इमरान का कहना है कि अगर सीट बेल्ट न लगाने और लापरवाही से कार चलाने के चलते चालान काटा गया है तो हमे चालान की कॉपी दे दो। चालान की कॉपी को ऑनलाइन कर दो, जिससे की हम चालान को भर सकें। इमरान का यह भी अरोप है कि बकरा ईद के चलते खरीदे गए बकरों को लेकर भी धार्मिक टिप्पणी की गई। अगर थाना दनकौर में एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो इस मामले में हम कोर्ट की मदद लेंगे।

अंशुमान गाजियाबाद 


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