शर्मसार करने वाली घटना दलित महिला की लाश श्मसान घाट पर जलाने से रोका गया ,शिकायत पहुंची सीएम दरबार



 लखनऊ: कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आगरा में ऊंची जाति के लोगों द्वारा श्मशान में चिता से एक दलित महिला का शव उतरवा कर अंतिम संस्कार नहीं करने देने की शर्मसार घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
नेता कांग्रेस विधान मण्डल दल आराधना मिश्रा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा है कि देश में आजादी के लगभग 73 साल बाद शर्मसार करने वाली जो घटना अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल ताजनगरी आगरा में घटित हुई है। उससे प्रत्येक भारतवासी का सिर शर्म से झुक गया है। चिता से एक महिला का शव मात्र इसलिये हटा दिया गया क्योंकि वह ‘‘दलित’’ थी, और उसके पिता और 02 साल के बेटे को मजबूर किया गया कि वे उस महिला का शव कहीं और ले जाकर अंतिम संस्कार करें।
आराधना मिश्रा ने कहा है कि मानवता को शर्मसार करने वाली दलित उत्पीड़न की यह घटना हर देश- विदेश के पर्यटक आते हैं तथा केन्द्र और प्रदेश में दलित हित का ढिंढोरा पीटने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तो ऐसे में ताजनगरी आगरा में घटित होने वाली यह घटना उनके मुंह पर एक करारा तमाचा है। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इस पूरे मामलें की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि हर छोटी- छोटी बात पर जांच की नोटिस जारी करने वाले इस घटना पर खामोश क्यों हैं ? आराधना मिश्रा ने कहा कि महिला आयोग, बाल आयोग तथा अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए, और इसकी जांच करायी जानी चाहिए।
बता दें कि आगरा के अछनेरा तहसील के रायभा गांव में एक दलित महिला की मौत हो गई। महिला के अंतिम संस्कार के लिए जब उसकी चिता को आग दी जानी थी। तभी गांव के कुछ ऊंची जाति के लोगों ने अंतिम संस्कार रूकवा कर शव को चिता से नीचे उतरवा दिया।
इस पर महिला का अंतिम संस्कार करने आए लोगों के साथ बहस भी हुई। लेकिन ऊंची जाति के लोग नहीं माने और शव का अंतिम संस्कार दूसरी जगह करना पड़ा। मामले के तूल पकड़ने पर आगरा एसएसपी बब्लू कुमार ने जांच सीओ अछनेरा को सौंपी है।

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