कोरोना बना बाधक, बंदियों की कलाई पर बहनें नहीं बांध सकेंगी राखी
जौनपुर । कोरोना संक्रमण का असर भाई बहनों के रक्षाबंधन त्योहार पर स्पष्ट रूप से दिखेगा। जेलों में बंदियों की कलाई पर बहनों का प्यार व दुलार इस वर्ष नहीं देखने को नहीं मिलेगा । क्योंकि रक्षा बंधन के दिन जेल में मुलाकात पर रोक लगा दी गई है। जिसके चलते बहनें जेल में बंद भाईयों को राखी बांधने नहीं आ पाएंगी। हालांकि जेल प्रशासन अभी उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहा है। लेकिन अभी तक मुलाकात पर प्रतिबंध बरकरार है।
यहाँ बता दे कि वर्षों से एक परम्परा चली आ रही थी कि हर साल बहनों की विशेष मुलाकात होती थी और जिला कारागार में एक हजार से अधिक पुरुष बंदी हैं। सभी की कलाईयों पर बहन का प्यार रक्षा सूत्र दिखाई देता रहा है। इस वर्ष भी तीन अगस्त को इस बार भाई-बहनों का पर्व रक्षा बंधन मनाया जाएगा लेकिन जिला कारागार के बन्दियो की कलाई सूनी रहेगी। हर वर्ष रक्षा बंधन पर जिला कारागार में बहनों के लिए विशेष मुलाकात की व्यवस्था की जाती थी और बहनें राखी बांधने के लिए जिला कारागार पहुंचती थीं, लेकिन इस बार यह संभव नहीं दिख रहा है। 20 मार्च से ही जिला कारागार में बंदियों की मुलाकात पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए रोक है। ऐसे में बहनें रक्षा बंधन पर भी जिला कारागार नहीं पहुंच सकेंगी।
प्रभारी जेल अधीक्षक राज कुमार से वार्ता करने पर उनहोंने बताया कि कि इस बार मुलाकात पर रोक के चलते बहनें भाई तक डाक से राखी भेज रही हैं। जेल में एक अगस्त तक आने वाली बंदियों के परिवार वाले राखी और रोरी को जेल प्रशासन रिसीव कर राखी वाले पैकेट को सेनेटाईज कर बंदियों को दिया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते मुलाकात नहीं हो सकेगी।
लोलारक दूबे
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