पेट्रोलियम पदार्थों की मुल्य बृद्धि के बहाने भाजपा पर हमला,आरोप वह सत्ता की है भूखी जनता से उसका सरोकार नहीं - डा.जे पी सिंह
जौनपुर। बसपा के जिला सचिव एवं शिक्षक जय प्रकाश सिंह ने देश में लगातार पेट्रोलियम मुल्य बृद्धि पर चिन्ता जताते हुए कहा कि पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम से आम जनता के उपर जबरजस्त मंहगाई का संकेत दे रहीं हैं सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही बल्कि अन्य मुद्दों पर देश की जनता को उलझाने का काम कर रही है ताकि इस ओर किसी का ध्यान न जा सके।
उन्होंने कहा कि महज 15 दिनो में मूल्य बृद्धि की यह स्थिति हो गयी है कि आज डीजल का मुल्य पेट्रोल से आगे बढ़ गया है। यहां पर तो खरगोश एवं कछुए का मुहावरा पूरी तरह से चरितार्थ नजर आ रहा है। अपने देश में आज पुनः खरगोश और कछुए की कहानी याद आ गयी। कछुआ धीरे-धीरे तथा खरगोश तेजी से गंतव्य की तरफ बढ़ रहे थे। परंतु खरगोश तेजी से आगे बढ़ बढ़कर रुक जाता था। लेकिन कछुआ लगातार बढ़ते गया और एक समय ऐसा आया कि वह खरगोश से भी आगे निकलने वाला था ।
आज वही परिदृश्य भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में देखने को मिल रहा है। विश्व बाजार में एक तरफ तो कच्चे तेल के दामों में गिरावट नजर आ रही है । लेकिन इसके बाद भी भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं। आश्चर्य तो तब और हो जाता है जब आम जनमान को प्रभावित करने वाले पदार्थ डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर हैं। उससे ट्रांसपोटेशन, खाद्य पदार्थ, यातायात, सिंचाई आदि सभी क्षेत्रों में महंगाई आने से जनता पर मार पड़ने वाली है। लॉकडाउन अवधि में हमने सुना था कि देश का पेट्रोलियम विभाग जब खाड़ी देशों में कच्चे पेट्रो पदार्थों के दाम न्यूनतम स्तर पर था तो तेल का भंडारण कर रहे थे ।तब भी आज क्या कारण है कि डीजल और पेट्रोल के बेतहाशा बढ़ते दामों में कोई भी कंट्रोल नहीं है। किसानों के धान की रोपाई व बुवाई का समय है ।ऐसे समय में डीजल का महंगा होना व्यापारीयो के साथ साथ किसानों की भी कमर तोड़ देने वाला साबित होगा। यह डीजल का उच्चतम मूल्य है । सरकार को चाहिए इस पर स्पष्टीकरण दें कि कारण क्या है तथा बेतहाशा बढ़ते दामों पर नियंत्रण करें। साथ सभी विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर सरकार से सवाल करने की जरूरत है।
इसी क्रम में श्री सिंह ने कहा राष्ट्र भक्ति की बात करने वाले लोग आज राष्ट्र की जनता का कमर तोड़ने का काम कर रहे हैं। अब देश की आवाम को ऐसे राजनैतिक दलों के लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। पेट्रोलियम पदार्थों की मुल्य बृद्धि का असर खाद्य सामग्री से लेकर सभी सामानों पर पड़ना तय है। पूर्व की सरकारो के शासन काल में यदि एक चवन्नी बृद्धि होती थी तो भाजपा गला फाड़ चिल्लाती थी आज महगाई पर एक दम चुप बैठी है इसका मतलब साफ है भाजपा सत्ता के लिए गला साड़ी रही जनता से उसका कोई लेना देना नहीं है।
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